भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.
भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी की एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। दरअसल, इस पोस्ट में डॉ. सोनी ने उन अभ्यर्थियों को मैसेज देने का प्रयास किया है जो आरएएस परीक्षा में सफल नहीं हो पाए। देखा जाए तो डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी का मॉटिवेशन यूथ के लिए ‘रामबाण’ साबित होगा। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी लिखते हैं,
‘आरएएस का परीक्षा परिणाम आ गया है। कई दिन कुछ चेहरे लगातार सोशल, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर छाये रहेंगे। सफल अभ्यर्थी भी अपने अनुभवों, दुश्वारियों और संघर्षों के बारे में बताएंगे। इन सबसे बहुत प्रेरणा मिलेगी हज़ारों-हज़ार प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं को। कामयाब लोगों के लिए बहुत कुछ लिखा जाएगा। मगर आज मैं उनके लिए लिखना चाहता हूँ जिन्होंने एक लंबी समयावधि तक मानसिक तौर पर स्वयं को मज़बूत बनाकर तैयारी की और प्रारंभिक तथा मुख्य परीक्षा के दो चरण पार कर लिए। फिर साक्षात्कार की तैयारी मन से की। फिर भी परिणाम आशानुकूल नहीं रहा। सपने सच नहीं हुए।
मित्रो, ऐसा होना स्वाभाविक है। आस ऐसी ही होती है। परंतु इस परिणाम के बाद भाग्य या किसी संस्था या प्रक्रिया पर दोषारोपण मत कीजिएगा। मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के अंकों को जानने के बाद आत्मावलोकन कीजिएगा। कमी रही होगी निश्चित तौर पर। आप स्वयं में। इसे सुधारना है। दोष देने से यह कमी दूर नहीं होगी। मुख्य परीक्षा में कम अंक आए हैं तो अगली बार इस ढंग से तैयारी करो कि साक्षात्कार में न्यूनतम अर्हता अंक भी प्राप्त हों तो भी आपका चयन हो जाए। साक्षात्कार में कहीं कमी रही है तो आप अपनी अभिव्यक्ति को निखारें। संप्रेषण प्रभावी करें।
सबसे ज़रूरी बात कि मानसिक अवसाद या निराशा को हावी मत होने दें। एकबारगी तो आप एक-दो हफ़्ते परेशान रहेंगे। कोई ख़ास बात नहीं इसमें। सबके साथ ऐसा होता है। स्थितप्रज्ञ नहीं है आप। पर कुछ समय बाद फिर से जुट जाएँ तैयारी में। बस एक ही बात सोचिएगा कि इस परीक्षा को पास करने वाले लोग आपकी तरह ही जीते-जागते इंसान हैं। उनके कोई सुर्ख़ाबी पंख नहीं लगे हैं। वे कर सकते हैं तो आप भी कर सकते हैं। ज़रूरत बस उन ग़लतियों से सबक़ लेने की है जो आपने इस बार की हैं।
इस बार आप जिन चयनित लोगों की अख़बार या सोशल मीडिया पर फोटो देखेंगे या साक्षात्कार सुनें-पढ़ें, तो कुछ एक चीजों को फ़ोन में सुरक्षित रख लें। बार-बार सोचें कि इनकी कामयाबी ने इन्हें क्या पहचान दी है। सपने सच होते हैं तो कैसा लगता है। मैं हमेशा से कहता रहा हूँ कि उपलब्धियाँ आपका क़द तय करती हैं। आज आरएएस के टॉपर्स को अगर राजस्थान का प्रत्येक प्रतिभागी जानेगा या सुनेगा तो केवल परीक्षा उतीर्ण करने की उपलब्धि की बदौलत ही। वरना जीवन तो यह सभी पहले भी जी ही रहे थे कहीं किसी जगह पर।
कामयाब होना केवल जीविकोपार्जन की सुनिश्चितता नहीं है। कामयाबी दरअसल हमारे पसीने और संघर्ष को मिली संतुष्टि है। यह संतुष्टि ख़रीदी नहीं जा सकती है, उधार नहीं माँगी जा सकती है। यह तो अर्जित करनी पड़ती है।
कीजिए फिर से तैयारी इस अर्जन के लिए, अर्जुन बनकर।
शुभकामनाएं!!’
शुभकामनाएं!!’
फेसबुक पर इस पोस्ट को हजारों लोगों ने लाइक किया है और सैकड़ों लोगों ने कमेंट्स किए हैं। हर कोई इस मॉटिवेशन के लिए डॉ. सोनी का आभार जता रहा है।