आज खुश होने का दिन है!

गोपाल झा.मुझे ख़बर नहीं ग़म क्या है और ख़ुशी क्या हैये ज़िंदगी की है सूरत तो…

पहचानिए! अपना हितैषी

गोपाल झा.जीवन एक यात्रा है। इसमें भांति-भांति के लोग मिलते हैं। मसलन, एक सज्जन हैं। दिखने…