डॉ. एमपी शर्मा.हर समाज की असली ताक़त उसकी नई पीढ़ी होती है। वही पीढ़ी जो कल राष्ट्र का नेतृत्व करेगी, समाज को दिशा देगी और […]
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सीवरेज का ज़हर, बाढ़ का डर फिर भी हनुमानगढ़ में सन्नाटा क्यों ?
प्रेम सहू.12 जुलाई 1994 को जब श्रीगंगानगर से अलग होकर हनुमानगढ़ को जिला घोषित किया गया, तब लोगों की आंखों में एक सुनहरा सपना था। […]
क्यों ज़रूरी है अपने मन की सुनना ?
डॉ. एमपी शर्मा.हर दिन हम सैकड़ों फैसले लेते हैं, कुछ बड़े, कुछ छोटे। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इनमें से कितने निर्णय सच […]
डॉक्टरों के ऋण को स्मरण करने का दिन है एक जुलाई
डॉ. एमपी शर्मा.हर दिन किसी न किसी मरीज की साँस डॉक्टर की सूझबूझ पर टिकी होती है। हर रात किसी घर की नींद, एक चिकित्सक […]
आपके जीवन में भी हैं ‘चुगलखोर’
डॉ. एमपी शर्मा.जो दूसरों की बुराई करता है, वह अपने चरित्र की सच्चाई उजागर करता है।परनिंदा अर्थात किसी की अनुपस्थिति में उसकी बुराई करना, यह […]
पराई नहीं होतीं बेटियां: सोच बदलिए, समाज बदलेगा!
डॉ. एमपी शर्मा.यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता। यह केवल कोई श्लोक नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का वह आदर्श है जो नारी को दिव्यता और […]
रिश्तों के बिना कैसा सुख और कैसी खुशियां ?
डॉ. अर्चना गोदारा.रोशनी की चमक और पैसों की खनक इतनी थी कि दौड़ा चला गया। जब रुका तो देखा, अकेला खड़ा हूं। किससे कहूं कि […]
चुप क्यों हो गए, कुछ बोलते क्यों नहीं ?
डॉ. एमपी शर्मा.हम ऐसे समय में जी रहे हैं जहाँ लोग आसपास की घटनाओं, अन्याय, झूठ, हिंसा और शोषण के प्रति या तो उदासीन हैं, […]
देशभक्ति अब सिर्फ ‘हैशटैग’ नहीं
सुचेता जैन.पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव ने एक बार फिर देश को संवेदनशील मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है। […]
निर्णय लेना भी एक कला है!
डॉ. एमपी शर्मा.मानव जीवन का सबसे बड़ा संघर्ष अक्सर ‘करूं या न करूं?’ के बीच होता है। जीवन में हम ऐसे मोड़ों पर बार-बार पहुंचते […]