डॉ. संतोष राजपुरोहित.व्यवसाय की दुनिया में स्थायित्व का कोई आश्वासन नहीं होता। जो आज शिखर पर है, वह कल इतिहास बन सकता है। बाजार, तकनीक […]
Category: अर्थचक्र
राजस्थान में राजनीति और नौकरशाही की टकराहट!
डॉ. संतोष राजपुरोहित.भारतीय लोकतंत्र की संरचना दो मजबूत स्तंभों पर टिकी हुई है, जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी। एक ओर चुने हुए राजनेता होते हैं, जो […]
…तो बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम!
डॉ. संतोष राजपुरोहित.वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में इज़रायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी लाने की […]
नैतिक विकास की धुरी है धर्म और अर्थशास्त्र
डॉ. संतोष राजपुरोहित.मानव सभ्यता के विकास की जब भी चर्चा होती है, तो दो शक्तियाँ लगातार उभरकर सामने आती हैं, धर्म और अर्थशास्त्र। एक ने […]
ब्रिक्स में भारत की भूमिका: वैश्विक शक्ति संतुलन में एक नया अध्याय
डॉ. संतोष राजपुरोहित.वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में, जहां अमेरिका संरक्षणवाद की नीतियों की ओर लौट रहा है, रूस-यूक्रेन युद्ध जारी है, और चीन की विदेश नीति […]
महामारी ने दिखाई सच्चाई: असंगठित भारत की पीड़ा
डॉ. संतोष राजपुरोहित.भारत की आर्थिक प्रगति के केंद्र में उसकी विशाल कार्यशील जनसंख्या है, जो देश के निर्माण और विकास की रीढ़ है। परंतु यह […]
चमकता इंडिया, छूटता भारत: किसके लिए है विकास ?
डॉ. संतोष राजपुरोहित.आज का भारत एक विचित्र विरोधाभास की तस्वीर पेश करता है। एक ओर ‘नया इंडिया’ है, जो स्मार्टफोन, लग्जरी कारों, ब्रांडेड कपड़ों और […]
भारतीय विकास में महिलाओं की भागीदारी, क्या हैं चुनौतियाँ और समाधान ?
डॉ. संतोष राजपुरोहित.जब किसी राष्ट्र की प्रगति की परिभाषा तय की जाती है, तो वहाँ केवल जीडीपी व्यापार या निवेश का ही नहीं, बल्कि उस […]
ऑपरेशन सिंदूरः भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
डॉ. संतोष राजपुरोहित.22 अप्रैल 2025 को जब आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में निर्दाेष नागरिकों को निशाना बनाया, तो यह भारत की सहनशीलता की […]
शांति बनाम आतंक: क्या फिर मुस्कुरा पाएगा कश्मीर ?
डॉ. संतोष राजपुरोहित.कश्मीर, जिसे अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए ‘स्वर्ग’ कहा जाता है, एक ऐसा क्षेत्र है जो ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से अत्यधिक […]