सतीश गर्ग. भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.
मन के हारे हार है, मन की जीते जीत। सहकारिता विभाग में इंस्पेक्टर किरणपाल ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा में चयनित होकर इस बात को प्रमाणित किया है। खास बात है, संगरिया तहसील के गांव इंद्रपुरा की बेटी किरणपाल ने आरएएस की परीक्षा में थर्ड रैंक हासिल की है।
दिन भर ऑफिस की डयूटी और उसके बाद एक ही ख्बाब की हर हाल में अच्छी रैंक हासिल करनी है। जब भी दिन और रात में मौका मिलता तब तैयारी मे लग जाती। यहां तक कि ऑफिस की शनिवार और रविवार को छुट्टी होती थी तो पूरे दो दिन पढाई पर ही फोकस रहता था। वहीं, पिता हजारी राम जो कि सरकारी स्कूल करड़वाला में एक शिक्षक हैं, हमेशा पढाई के लिए मॉटिवेट करते।
किरणपाल बताती हैं, ‘सरकारी स्कूल इंद्रपुरा से आठवीं तक की प्रारंभिक शिक्षा हासिल की। मां सावित्री देवी एक गृहणी है जिसने हमेशा सपोर्ट किया। उसके बाद 9 वीं से 12वी तक की पढाई गांव से दूर सादुलशहर के बाल भारती स्कूल से हासिल की। उसके बाद बीटेक की डिग्री जयपुर से हासिल की। आरएएस की कोचिंग जयपुर से प्राप्त की। पहले प्रयास में अच्छा रैेक नही आया लेकिन सफलता मिली और कॉपरेटिव विभाग हनुमानगढ में इंस्पेक्टर का पद मिला। फिर अब दूसरी बार प्रयास किया तो तीसरी रैंक मिली।’
किरणपाल की बडी बहिन भी सरकारी स्कूल में अध्यापिका है और भाई संदीप अभी पढाई कर रहा है। फिलहाल घर में पढाई का पूरा माहौल होने के कारण किरणपाल ने यह सफलता प्राप्त की।
लक्ष्य पर रखें फोकस
सफलता के क्या हैं मापदंड ? किरणपाल कहती हैं, ‘लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हमेशा लक्ष्य पर अपना ध्यान केंद्रित करना होता है। अपना लक्ष्य शुरू से ही दिमाग में रखें। दूसरा मोबाइल से दूर रहें और खूब मेहनत करें। भगवान पर भरोसा रखें। मेहनत से ही सफलता अर्जित होती है। सपने बडे रखे और कभी भी हिम्मत ना हारे।’