यूथ कांग्रेस का सामाजिक सरोकार, जानिए…. क्या ?

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भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
बेरोजगारी की चुनौती का सामना कर रहे युवाओं के लिए एक अच्छी खबर आई जब यूथ कांग्रेस ने राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) में एक भव्य रोजगार मेले का आयोजन किया। यह आयोजन महज एक सरकारी औपचारिकता नहीं था, बल्कि इसमें देशभर की 170 से अधिक कंपनियों ने भाग लिया। खास बात यह रही कि इस मेले में 4000 से अधिक युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया और आयोजकों के दावे के अनुसार, 1300 से अधिक युवाओं को मौके पर ही जॉब लेटर सौंपे गए।
इस रोजगार मेले में युवाओं में खासा उत्साह देखा गया। वे पूरी तैयारी के साथ इंटरव्यू देने पहुंचे थे। विभिन्न कंपनियों के लिए अलग-अलग ब्लॉक्स बनाए गए थे ताकि इंटरव्यू की प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके। यह आयोजन रोजगार सृजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, जो बेरोजगारी की समस्या के समाधान में एक सार्थक प्रयास के रूप में देखा जा सकता है।
इस आयोजन में यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदयभानु चिब, राष्ट्रीय प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु पूनियां, उपाध्यक्ष सतवीर चौधरी और विधायक मुकेश भाकर सहित कई बड़े नेता मौजूद रहे। इस दौरान नेताओं ने भाजपा सरकार पर बेरोजगारी के मुद्दे पर तीखा हमला बोला। गहलोत ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार सिर्फ सपने दिखाने में लगी हुई है, जबकि कांग्रेस सरकार ने हमेशा रोजगार देने का काम किया है।
यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदयभानु चिब ने कहा कि देश में बेरोजगारी अपने चरम पर है और केंद्र सरकार इस मुद्दे पर चुप बैठी हुई है। उन्होंने दावा किया कि यूथ कांग्रेस हर स्तर पर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने की दिशा में काम कर रही है। प्रदेश उपाध्यक्ष सतवीर चौधरी ने इसे राजनीति से इतर एक सामाजिक पहल बताया और कहा कि यूथ कांग्रेस सिर्फ राजनीतिक गतिविधियों तक सीमित नहीं है, बल्कि युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए भी काम कर रही है।
कौन-कौन सी कंपनियां आईं आगे?
इस रोजगार मेले में मैन्युफैक्चरिंग, बैंकिंग, ऊर्जा, वित्तीय, ऑटोमोबाइल और स्वास्थ्य क्षेत्र की नामी कंपनियां शामिल थीं। इनमें एचडीएफसी बैंक, डी-मार्ट, रिलायंस, एमआरएफ, टाटा मोटर्स, इन्फोसिस, विप्रो, टेक महिंद्रा, फ्लिपकार्ट, आईसीआईसीआई बैंक और अदाणी समूह जैसी कंपनियां प्रमुख रूप से मौजूद थीं। कंपनियों ने युवाओं की योग्यता के अनुसार इंटरव्यू किए और मौके पर ही जॉब ऑफर किए। यह इस बात का प्रमाण है कि अगर सही दिशा में प्रयास किया जाए, तो रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जा सकता है।
क्या कांग्रेस को इससे मिलेगा राजनीतिक लाभ?
अब सवाल यह उठता है कि क्या यह पहल कांग्रेस को युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाएगी? यह तय है कि युवाओं के बीच रोजगार का मुद्दा हमेशा से सबसे महत्वपूर्ण रहा है। ऐसे में यदि कांग्रेस रोजगार मेले जैसी पहल को लगातार जारी रखती है, तो निश्चित रूप से युवाओं के बीच उसकी पकड़ मजबूत हो सकती है। हालांकि, राजनीतिक लाभ की दृष्टि से इसे लेकर संशय भी है। भाजपा इस आयोजन को केवल एक राजनीतिक स्टंट बताकर खारिज कर सकती है। अगर कांग्रेस इस पहल को महज एक इवेंट के रूप में छोड़ देती है और इसे निरंतर अभियान के रूप में नहीं चलाती, तो इसका लाभ सीमित ही रहेगा। इसलिए, इसे एक सुव्यवस्थित योजना के तहत लगातार चलाने की जरूरत है।
क्या इसे विधानसभा स्तर तक ले जाना चाहिए?
यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अभिमन्यु पूनियां को इसे सिर्फ एक आयोजन तक सीमित न रखते हुए इसे विधानसभा स्तर तक अभियान के रूप में आगे बढ़ाना चाहिए। यदि हर विधानसभा क्षेत्र में इसी तरह रोजगार मेले का आयोजन किया जाता है, तो इससे न केवल युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि कांग्रेस पार्टी को भी राजनीतिक रूप से मजबूती मिलेगी।
वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार झा कहते हैं, ‘यूथ कांग्रेस का यह रोजगार मेला एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा सकता है, जो न केवल युवाओं को रोजगार प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि कांग्रेस के लिए भी एक अवसर है कि वह अपने जनाधार को मजबूत कर सके। हालांकि, इसे एक सतत अभियान के रूप में आगे बढ़ाने की जरूरत होगी, ताकि यह केवल एक प्रचार स्टंट बनकर न रह जाए। अगर कांग्रेस इसे सही तरीके से आगे बढ़ाती है, तो यह निश्चित रूप से उसे राजनीतिक रूप से भी लाभ पहुंचा सकता है।’

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