





भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस उमाशंकर व्यास की अदालत में आज एक दिलचस्प मोड़ देखने को मिला, जब आईएएस अधिकारी भवानी सिंह देथा को कोर्ट की अवमानना मामले में बिना शर्त माफी मांगनी पड़ी। अदालत ने सुनवाई के दौरान भवानी सिंह देथा को तीखी फटकार लगाते हुए कहा-‘मैं मिडिल क्लास फैमिली से यहां आया हूं, इसलिए जानता हूं कि आम आदमी को कितनी मुश्किलें उठानी पड़ती हैं।’ जस्टिस व्यास की इस टिप्पणी ने कोर्ट रूम में एक सन्नाटा सा भर दिया। अदालत ने आगे कहा कि कोर्ट के आदेश की अनदेखी करने से आमजन को दोबारा वकीलों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, जो न्याय प्रक्रिया का उपहास है। दरअसल, अदालत ने पूर्व में भवानी सिंह देथा, आईएएस शुचि त्यागी और कॉलेज एजुकेशन के तत्कालीन संयुक्त निदेशक आरसी मीणा को कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर तलब किया था। अधिकारियों ने आदेश को नजरअंदाज किया, जिससे पीड़ित पक्ष को अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी।
हालांकि, कोर्ट की सख्ती के बाद 18 दिन के भीतर आदेश का पालन कर दिया गया। लेकिन अदालत ने स्पष्ट कर दिया कि ‘यह कार्य न्यायालय के हस्तक्षेप के बिना भी किया जा सकता था।’ भवानी सिंह देथा ने अदालत में बिना शर्त माफी मांगते हुए आश्वासन दिया कि आगे से वे समय पर कोर्ट के आदेशों की पालना करेंगे। हालांकि, कोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि ‘भविष्य में ऐसी लापरवाही पर अधिकारियों को जेल भेजने से भी परहेज नहीं किया जाएगा।’ कोर्ट ने कहा कि ‘लोक सेवक के रूप में वरिष्ठ अधिकारियों का दायित्व अधिक बढ़ जाता है। यदि वे अपने कर्तव्य के प्रति निष्क्रिय रहेंगे, तो यह स्थिति लोकतंत्र के लिए घातक होगी।‘



