


भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
राजस्थान में कांग्रेस की महिला शक्ति को नए स्वरूप में संगठित करने की पहल ने एक नया मोड़ ले लिया है। जयपुर में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में महिला कांग्रेस की नवनियुक्त अध्यक्ष सारिका सिंह के पदभार ग्रहण समारोह में पूरे प्रदेश से महिला कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ा। इस मौके पर महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को और भी महत्वपूर्ण बना दिया। इस अवसर पर अलका लांबा ने अपने भाषण में प्रदेश की महिलाओं को राजनीति में आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “राजस्थान की धरती पर अब एक नई महिला शक्ति खड़ी होगी। महिलाओं को अन्याय और अत्याचार के खिलाफ खुद आगे आना होगा। कांग्रेस संगठन अब हर बूथ पर दस महिलाओं को जोड़ने का संकल्प ले चुका है और आगामी दिनों में दस हजार महिलाओं की एक बड़ी रैली आयोजित की जाएगी। यह कार्यक्रम महिलाओं की राजनीतिक सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।”
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने महिला कांग्रेस की स्वतंत्रता को रेखांकित करते हुए कहा कि सारिका सिंह को किसी भी निर्णय के लिए किसी नेता से पूछने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने कहा, “जो महिलाएं कांग्रेस संगठन के साथ काम करना चाहती हैं, उन्हें पूरा अवसर दिया जाएगा। हम महिलाओं को नेतृत्व की अग्रिम पंक्ति में देखना चाहते हैं, और इसके लिए हर संभव सहयोग दिया जाएगा।”

राजनीतिक समीकरणों पर असर
राजस्थान की राजनीति में इस घटनाक्रम को एक नए राजनीतिक समीकरण के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस का यह कदम प्रदेश में महिला वोटरों को अपने पक्ष में लामबंद करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। महिला कांग्रेस का सशक्तिकरण, जमीनी स्तर पर पार्टी की पकड़ को और मजबूत करेगा। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में, जहां महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी अपेक्षाकृत कम है, इस अभियान से एक नया विश्वास जगेगा।
ब्लॉक स्तर पर मजबूत की जाएगी महिलाओं की टीम
राज्य में महिला कांग्रेस की नई योजनाओं के तहत हर जिले और ब्लॉक स्तर पर महिला नेताओं की एक नई टीम तैयार की जाएगी। इसके तहत प्रशिक्षण शिविर लगाए जाएंगे, जहां महिलाओं को चुनावी राजनीति, संगठन कौशल, और नेतृत्व क्षमता विकसित करने के गुर सिखाए जाएंगे। इस पहल का मुख्य उद्देश्य आगामी चुनावों में कांग्रेस के लिए एक मजबूत महिला शक्ति तैयार करना है, जो पार्टी के लिए निर्णायक भूमिका अदा कर सके। इस समारोह में उपस्थित कई महिला कार्यकर्ताओं ने अपनी भावनाएं साझा कीं।

राजनीतिक विरोधियों की प्रतिक्रिया
जहां एक ओर कांग्रेस महिला शक्ति को संगठित करने में जुटी है, वहीं विपक्षी दल भाजपा इसे मात्र एक दिखावटी प्रयास बता रहा है। भाजपा नेता और पूर्व मंत्री ने कहा, “कांग्रेस सिर्फ घोषणा करने में माहिर है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस काम नहीं होता। महिलाओं को सिर्फ चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल किया जाता है।” हालांकि, कांग्रेस नेताओं का दावा है कि यह पहल न सिर्फ महिलाओं को सशक्त करेगी, बल्कि प्रदेश की राजनीति में भी एक सकारात्मक बदलाव लेकर आएगी।
महिला कांग्रेस की इस नई पहल ने राजस्थान में महिला सशक्तिकरण की राजनीति को एक नई दिशा दी है। पार्टी की ओर से किए जा रहे प्रयास अगर सही दिशा में आगे बढ़ते हैं, तो निश्चित रूप से महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिलेगा। राजस्थान की महिलाएं अब सिर्फ वोटर नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रक्रिया की महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनने की ओर अग्रसर हो रही हैं। कांग्रेस की इस पहल का आगामी चुनावों में क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी, लेकिन फिलहाल, यह कदम राज्य में महिला शक्ति को नई पहचान देने की दिशा में एक बड़ा प्रयास साबित हो रहा है।



