शिक्षा से खुलती हैं विकास की राहें, बीकानेर में बोले राज्यपाल

image description

भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
बीकानेर में महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय का नवम दीक्षांत समारोह भव्यता और गरिमा के साथ संपन्न हुआ। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि शिक्षा से ही विकास की राहें खुलती हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि भारत ज्ञान परंपरा में सदैव श्रेष्ठतम रहा है और इस परंपरा को आधुनिक विकास के साथ जोड़ते हुए देश के नव निर्माण में सभी को मिलकर कार्य करना चाहिए। राज्यपाल ने बीकानेर को ‘सांख्य दर्शन के प्रणेता महर्षि कपिल की तपोभूमि’ बताते हुए कहा कि प्राचीन ज्ञान की इस पावन धारा से आलोकित नई शिक्षा नीति में युवा पीढ़ी को भारत के गौरव से जोड़ने का प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को आह्वान किया कि ष्दीक्षांत केवल डिग्री प्राप्त करने का दिन नहीं, बल्कि यह शिक्षा के जीवन में अमल की शुरुआत है।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘अब समय है कि अर्जित ज्ञान को समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए उपयोग में लाया जाए। शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी पाना नहीं, बल्कि समाज को दिशा देना और रोजगार सृजन की मानसिकता विकसित करना है।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नई शिक्षा नीति कौशल विकास पर केंद्रित है, जो विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाएगी।
महिला सशक्तिकरण का उदाहरण बनीं छात्राएं
इस दीक्षांत समारोह में महिला सशक्तिकरण की झलक स्पष्ट नजर आई। वर्ष 2022 की परीक्षाओं में प्रदान किए जा रहे 63 में से 50 स्वर्ण पदक और वर्ष 2023 की परीक्षाओं में 62 में से 47 स्वर्ण पदक छात्राओं ने प्राप्त किए। यही नहीं, वर्ष 2022 की 84 विद्या-वाचस्पति (पीएच.डी.) उपाधियों में से 33 और वर्ष 2023 की 50 उपाधियों में से 26 छात्राएं इस गौरव को प्राप्त करने में सफल रहीं। राज्यपाल ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, यह असली महिला सशक्तिकरण है, जब बेटियां ज्ञान के क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर रही हैं।’


कुलाधिपति और कुलपति पदक भी बेटियों के नाम
समारोह में कुलाधिपति और कुलपति पदक भी छात्राओं को प्रदान किए गए। राज्यपाल ने इस अवसर पर वर्ष 2022 के 1,26,949 और वर्ष 2023 के 1,21,020 विद्यार्थियों को उपाधियां और 125 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए। साथ ही 134 अभ्यर्थियों को विद्या-वाचस्पति (पीएच.डी.) की उपाधि दी गई।


आर्ट गैलेरी का लोकार्पण और शिक्षकों को संदेश
समारोह के दौरान आर्ट गैलेरी का लोकार्पण भी राज्यपाल द्वारा किया गया। उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षकों से आग्रह किया कि वे नवीनतम ज्ञान अर्जित करते रहें और भावी भारत को गढ़ने में अपना योगदान दें। समारोह के विशिष्ट अतिथि और आर्गेनाइजर के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने कहा, ‘विश्वविद्यालयों का दायित्व केवल विद्यार्थियों को पढ़ाना और उपाधियां देना नहीं है, बल्कि उन्हें मानवता, सहिष्णुता, तर्कशीलता और सत्य की खोज के लिए प्रेरित करना भी है।’ समारोह के अंत में महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और विश्वविद्यालय के सतत विकास के लिए प्रतिबद्धता दोहराई। यह दीक्षांत समारोह न केवल शिक्षा के क्षेत्र में नए प्रतिमान स्थापित कर गया, बल्कि यह संदेश भी दे गया कि ष्ज्ञान की शक्ति से ही विकसित भारत का सपना साकार होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *