चूरू: घंटाघर बाजार में 10 मार्च को ऐतिहासिक होगी शाम, जानिए….कैसे ?

पीयूष कुमार शर्मा.
साकार संस्थान चूरू की ओर से 10 मार्च को शाम चार से आठ बजे तक शहर में घंटाघर बाजार में फागोत्सव 2024 का आयोजन किया जाएगा। संस्थान के संरक्षक हनुमानमल कोठारी ‘भटनेर पोस्ट डॉट कॉम’ को बताते हैं कि फतेहपुर शेखावाटी के ख्यातनाम लोक कलाकार गिरीश भोजक व लोक कलाकार राकेश दाधीच व इनकी टीम के कलाकार चंग की थाप व बांसुरी की धुनों के साथ लोकगीतों व राजस्थानी गीतों की नृत्यमयी प्रस्तुतियां देंगे। बैंक आफ बड़ौदा के सामने स्थित सिटी सेंटर मॉल, बाबोसा मूर्ति के पास स्थित कॅरियर पीजी कॉलेज चूरू व बिसाउ रोड स्थित प्रिंस स्कूल चूरू के सौजन्य से होने वाले समारोह में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़, विधायक हरलाल सहारण, जिला प्रमुख वंदना आर्य, भाजपा नेता पद्मश्री अवार्डी देवेंद्र झाझड़िया, कांग्रेस नेता रफीक मंडेलिया, तारानगर विधायक नरेंद्र बुडानिया, सरदारशहर विधायक अनिल शर्मा, रतनगढ़ विधायक पूसाराम गोदारा, भाजपा नेता राजकुमार रिणवा, भाजपा नेता अभिनेष महर्षि, सुजानगढ विधायक मनोज मेघवाल, सादुलपुर विधायक मनोज न्यांगली, कांग्रेस नेता कृष्णा पूनिया, सिटी सेंटर मॉल चूरू के डायरेक्टर समाजसेवी बाबू खान, कॅरियर पीजी कॉलेज चूरू के डायरेक्टर शिक्षाविद् एवं समाजसेवी अमीलाल धेतरवाल व बिसाउ रोड स्थित प्रिंस स्कूल चूरू के डायरेक्टर शिक्षाविद् व साहित्य सेवी प्रताप सिंह सिहाग सहित अन्य गणमान्य नागरिक बतौर अतिथि शामिल होंगे।

भोजक व गिरीश होंगे सम्मानित
संस्थान के कोषाध्यक्ष रवि दाधीच ने बताया कि फागोत्सव में संस्थान की ओर से प्रतिवर्ष प्रदान किया जाने वाला वर्ष 2024 का पंडित भरत व्यास स्मृति साहित्य पुरस्कार इस वर्ष लोक कलाकार गिरीश भोजक को भेंट किया जाएगा। इसी क्रम में इस वर्ष से समाजसेवी व पूर्व सभापति रमाकांत औझा की स्मृति में पुरस्कार शुरू किया गया है। इस वर्ष का रमाकांत ओझा स्मृति लोक कला पुरस्कार लोक कलाकार एवं भाजपा पार्षद राकेश दाधीच को भेंट किया जाएगा।


यूं हुआ साकार संस्थान का आगाज
साकार संस्थान। साहित्य, संगीत और लोक संस्कृति के क्षेत्र में प्रदेशभर में एक जाना पहचाना नाम। जनवरी 2007 में स्थापित ये संस्थान साहित्य, संगीत और लोक संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए निरंतर कार्यरत है। संस्थान ने अपनी इस विकास यात्रा में प्रतिवर्ष संगीत के आयोजनों के माध्यम से नामचीन कलाकारों को मंच प्रदान किए हैं। साहित्य, संगीत और लोक संस्कृति के अलावा पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर समाज में अपना योगदान देने वाले सुधिजनों को पं भरत व्यास पुरस्कार भेंट किया है। संस्थान की स्थापना सात जनवरी 2007 को की गई। संस्थान का पहला बड़ा कदम था। बदहाल व जीर्णशीर्ण हालत में मरम्मत की बाट जोहते स्वतंत्रता सेनानी चंदनमल बहड़ सर्किल का सौंदर्यकरण करवाना। इसके लिए संस्थान ने 26 जनवरी को जिला खेल स्टेडियम चूरू में चल रहे जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में तात्कालीन मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ व कलक्टर नवीन महाजन को ज्ञापन सौंपा गया। जिस पर तत्काल कार्रवाई हुई और सर्किल का सौंदर्यकरण किया गया, जो आज भी बरकरार है। यहां से शुरू हुई संस्थान की सफलता की यात्रा के क्रम में इसी वर्ष शहर के सत्संग भवन में संगीत का आयोजन करवाया। जिसकी अपार सफलता से उत्साहित शहर के सभी गणमान्य लोगों ने इसे न केवल सराहा बल्कि आगे बढ़ने के लिए संस्थान को प्रेरित किया। ये आयोजन संस्थान की सफलता में मील का पत्थर साबित हुआ और संस्थान आज जनता की प्रेरणा से साहित्य, संगीत और लोक संस्कृति के क्षेत्र में प्रतिवर्ष नए आयाम स्थापित कर रही है। शहर में घंटाघर पर गत सात वर्षों से फागोत्सव का आयोजन संस्थान जन सहयोग से करवाती आ रही है। इस वर्ष 2024 में गढ़ स्थित स्वामी गोपालदास चौक पर भी फागोत्सव का आयोजन संस्थान करवाने जा रही है।

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