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राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय बीकानेर की ओर से पांच दिवसीय पुस्तक मेला सम्पन्न हुआ। अंतिम दिन समापन समारोह हुआ। अध्यक्षता साहित्यकार एवं पार्षद नगर निगम बीकानेर सुधा आचार्य ने की। मुख्य अतिथि वरिष्ठ बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा, विशिष्ट अतिथि राजाराम स्वर्णकार, मोहम्मद फारूक चौहान, डॉ. अजय जोशी, डॉ. कृष्णा आचार्य थे। समारोह में मण्डल पुस्तकालयाध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने पांच दिवसीय पुस्तक मेले की प्रथम दिवस से अंतिम दिवस तक सारांश प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा की चार कृतियां यथा राजस्थानी बाल बत्तीसी, चुनिंदा बाल पहेलियां, चुनिंदा बाल कहानियां और चुनिंदा शिशु गीत कृतियों पर चर्चा की गई और पुस्तक की महत्ता पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि एवं वरिष्ठ बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा ने कहा कि प्रतियोगिता में सफल होने के लिए नियमित रूप से अखबार पढऩे की आदत डालनी चाहिए क्योंकि प्रतियोगिता में लगभग 40 प्रतिशत सवाल सम सामयिक होते हैं जो हमें अखबारों से ही मिलते हैं। उन्होंने अपनी रचना प्रक्रिया बताते हुए तीन बाल कहानियां एवं अपनी व्यंग्य कविता ‘वो गए रफ्तार में, और आए अखबार में’ सुनाई तो पूरा सभागार तालियों की गडग़ड़ाहट से भर उठा। अतिथियों को स्मृति चिन्ह के रूप में एस.डी.जोया की चर्चित कृति ‘गागर में सागर’ भेंट की गई। विशिष्ट अतिथि मोहम्मद फारूक ने बीकानेर के इतिहास को अद्भुत बताया। विशिष्ट अतिथि एवं व्यंग्यकार डॉ. अजय जोशी ने पुस्तकें प्रतिदिन पढऩे पर जोर दिया। कार्यक्रम अध्यक्ष सुधा आचार्य ने पुस्तकों को आदर्श मानने की बात कही। कार्यक्रम का संचालन पुस्तकालयाध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने किया। अतिथियों का स्वागत भारती जीनगर, मनीष विधान, महेश पांडिया, भंवर लाल खत्री ने किया।
