भटनेर पोस्ट डेस्क.
राजस्थान में धीरे-धीरे बिजली महकमा निजी कंपनियों के हाथों की तरफ बढ़ता जा रहा है। लिहाजा, राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति ने मुखर विरोध किया है। हनुमानगढ़ जिले के विद्युत विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने सतीपुरा विद्युत विभाग कार्यालय से कलेक्ट्रेट तक रोष मार्च निकाला। इसमें विभाग के तकनीकी और अन्य अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए। निजीकरण के खिलाफ लामबंद कर्मचारियों ने सरकार पर उनकी मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। प्रदर्शन के बाद कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर
कलेक्ट्रेट पहुंचकर नारेबाजी की गई और राज्य सरकार के रवैये की आलोचना की गई। सहायक अभियंता वीर सिंह, कर्मचारी नेता राजेंद्र सीकर व अनिल चलका ने कहा कि विद्युत विभाग में बढ़ते निजीकरण से न केवल कर्मचारियों की समस्याएं बढ़ रही हैं, बल्कि विभाग की कार्यक्षमता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। संघर्ष समिति के सदस्यों कृष्ण कुमार तायल व किशन राजावत ने कहा कि निगम में लगातार विभिन्न कार्यों के नाम पर निजीकरण बढ़ रहा है। इससे कर्मचारियों को मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वे लंबे समय से इसके विरोध में आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। इस दौरान कर्मचारियों ने राज्य सरकार पर उनकी समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार की उदासीनता के चलते कर्मचारी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। विद्युत विभाग के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों का यह प्रदर्शन राज्यभर के कर्मचारियों की भावनाओं को दर्शाता है। उनका कहना है कि सरकार को उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और निजीकरण की प्रक्रिया को तुरंत रोकना चाहिए। कर्मचारियों का यह भी कहना है कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। इस मौके पर ओम गोदारा, संदीप सिरावता, अक्षय वर्मा, दिनेश सांई, जसवीर, सुमित कुमार, शैलेंद्र महला, संजय, मनोज डुडी, इमरान, दिलावर घटाला, गुरमुख, कृष्ण सियाग, सहायक अभियंता संदीप सारण, कुलदीप पूनिया, कनिष्ठ अभियंता अनिल बिश्नोई, अमनदीप, उमा शंकर, साबराम वर्मा, आत्माराम वर्मा, धीरज वर्मा, जितेंद्र शेखावत, राजू पूनिया नोहर, लखबीर सिंह, संगरिया हरगोविंद, चंद्र मोहन जांगिड़, दीपक सिंधी व अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।