“बला” टालने वाली साबित हो रहीं इंदिरा गांधी नहर !जानिए…कैसे ?

भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.
इंदिरा गांधी नहर परियोजना को राजस्थान के दर्जन भर जिलों के लिए लाइफलाइन माना जाता है। करीब दो करोड़ की आबादी वाले इन जिलों के खेतों को न सिर्फ यह नहर सरसब्ज करती है बल्कि पीने के लिए शुद्ध पानी भी मुहैया करवाती है। इसलिए इसे जीवनदायिनी कहते हैं। घग्घर बहाव क्षेत्र के लोगों के लिए इंदिरा गांधी नहर एक बार फिर ‘बला’ टालने वाली साबित हो रही है।
हनुमानगढ़ की कलक्टर रुक्मणि रियार कहती हैं, ‘पहली बार घग्घर साइफन से इंदिरा गांधी नहर में पानी छोड़ा गया है। यह ऐतिहासिक अवसर है।’ देखा जाए तो कलक्टर की बात वाकई सौ फीसद सही है। अभी भी डायवर्जन के रास्ते के 6 गेटों की मिट्टी को हटाया जा रहा है। नाली बैड की क्षमता 5500 क्यूसेक तक है। घग्घर साइफन से आईजीएनपी में 900 क्यूसेक पानी डाला जा रहा है। आईजीएनपी में 10 हजार क्यसूेक तक पानी डायवर्ट किया जा सकता है। जिससे नाली बैड और जीडीसी पर पानी का दबाव कम हो रहा है। सभी रास्ते चालू होने से बाढ़ का खतरा कम होगा।

जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर अमरजीत मेहरड़ा कहते हैं, ‘अभी 621 का लेवल चल रहा है। जब लेवल 631 तक पहुंचेगा तब अधिकतम पानी 10 हजार क्यूसेक लिया जा सकेगा। उम्मीद है कि 6 से 8 हजार के मध्य पानी इंटेक्स स्ट्रक्चर के जरिए आईजीएनपी में लिया जा सकेगा।’

घग्घर बहाव क्षेत्र मंगलवार तक पानी की आवक में बढ़ोत्तरी के आसार हैं। चीफ इंजीनियर अमरजीत मेहरड़ा ने सोमवार को ओटू हैड का निरीक्षण किया। इसके बाद इस तरह की बातें सामने आईं। मेहरड़ा के मुताबिक, हरियाणा के सिंचाई अधिकारियों ने इस बाबत संकेत दिए हैं। चूंकि ओटू हैड पर सभी गेट खोल दिए गए हैं इसलिए घग्घर का पानी राजस्थान की तरफ बढ़ रहा है। चीफ इंजीनियर ने बताया कि फिलहाल औटू हैड पर गेज के अनुसार ही पानी चल रहा है। ओटू हैड के सभी गेट खुले गए है और यह पानी धीरे-धीरे घग्घर साइफन की तरफ बढ रहा है। हरियाणा सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बातचीत करने पर पता चला कि आरडी 60 पर गेज भी फिलहाल बढा हुआ है। उम्मीद है कि देर रात्रि या मंगलवार तक पानी की आवक बढ जाएगी।

प्रशासन ने हालात को नियंत्रण में बताया है साथ ही दो-तीन दिन तक सतर्कता बरतने पर जोर दिया है। प्रशासन का मानना है कि हरियाणा के ओटू हैड में अब तक का अधिकतम पानी पहुंच गया है और ओटू हैड से घग्घर नदी में 26 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है, जो सोमवार सुबह हनुमानगढ़ पहुंच गया। ऐसे में विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है कि घग्घर बहाव क्षेत्र में कहीं भी पानी का रिसाव न हो और बंधे टूटने की नौबत न आए। संतोष की बात है कि प्रशासन, सिंचाई विभाग और पुलिस के बीच बेहतर तालमेल है, आम जनता भी सजग है। इसलिए उम्मीद है, किसी भी स्थिति से निपटने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। 

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