



भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
केंद्र सरकार ने इस साल सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर में ऐतिहासिक निवेश का ऐलान किया है, और सबसे बड़ी सौगात राजस्थान को मिली है। बैंक ऑफ बड़ौदा की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार 2024-25 में 0.67 लाख करोड़ रुपये की भारी-भरकम लागत से राजस्थान में 28 नए फ्लाईओवर बनाएगी। यह न केवल यातायात व्यवस्था को सुगम बनाएगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नई उड़ान देगा। देशभर के सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए केंद्र सरकार ने 1.42 लाख करोड़ रुपये का विशेष बजट तय किया है। हैरान करने वाली बात ये है कि इस राशि का 47 फीसद हिस्सा अकेले राजस्थान को आवंटित किया गया है, जिससे यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार राजस्थान को एक प्रमुख लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करना चाहती है। सिर्फ राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूर्वाेत्तर राज्यों को भी इंफ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर नई ऊर्जा मिली है। असम को 0.5 लाख करोड़ रुपये की मंज़ूरी मिली है, जिससे वहां 1647 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया जाएगा। वहीं, मेघालय को 0.25 लाख करोड़ रुपये का बजट मिला है, जिसके तहत 136 किलोमीटर सड़कें बनाई जाएंगी।
राज्य और केंद्र मिलकर करेंगे 3.9 लाख करोड़ रुपये का निवेश
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर पर कुल 3.9 लाख करोड़ रुपये खर्च करेंगी। इसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 1.42 लाख करोड़ रुपये है, जबकि राजस्थान सरकार अकेले 87,438 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। यह निवेश ना सिर्फ आधुनिक भारत की तस्वीर बदलेगा, बल्कि स्थानीय उद्योगों और व्यापार को भी नई दिशा देगा। देश में निवेश की रफ्तार भी तेजी से बढ़ी है। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 38.3 लाख करोड़ रुपये की नई निवेश परियोजनाएं घोषित की गई हैं, जो वित्त वर्ष 1996 के बाद की दूसरी सबसे बड़ी राशि है। इनमें से 69 फीसद निवेश निजी (घरेलू व विदेशी) क्षेत्रों से, और 31 फीसद सार्वजनिक क्षेत्र से आ रहा है।
राजनीति से ऊपर उठकर विकास की बात
यह निवेश न केवल सड़कों का जाल बिछाएगा, बल्कि गांवों को शहरों से, किसानों को मंडियों से और युवाओं को रोज़गार से जोड़ने वाला सेतु बनेगा। राजस्थान को मिला यह तोहफा सिर्फ एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि राज्य के सामाजिक-आर्थिक कायाकल्प की शुरुआत है।

