

भटनेर पोस्ट ब्यूरोे.
होली। एक ऐसा त्योहार जो केवल रंगों का पर्व नहीं, बल्कि भावनाओं और आपसी प्रेम का प्रतीक भी है। यह उत्सव हमें एक बार फिर से रिश्तों की गर्माहट का अहसास कराता है, उन बिखरे हुए संबंधों को संवारने का मौका देता है जो भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कहीं धुंधला गए हैं। आज जब सोशल मीडिया और स्मार्टफोन की दुनिया ने हमें अपनों से दूर कर दिया है, तब होली का महत्व और भी बढ़ जाता है। यह त्योहार हमें बताता है कि डिजिटल लाइक्स और कमेंट्स से बढ़कर असली दुनिया में रिश्तों की अहमियत होती है।
आज के दौर में होली का नाम आते ही अक्सर शराब और हुड़दंग की छवि उभरने लगती है। लेकिन यह त्योहार केवल मस्ती और शोरगुल का पर्याय नहीं है, बल्कि यह परंपरा, संस्कृति और आपसी सौहार्द का उत्सव है। सच्चा नशा तो गुलाल की खुशबू, अपनों के संग ठहाके लगाने और गले मिलने में है। जैसे मशहूर शायर बशीर बद्र ने कहा है,
कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से,
ये नए मिज़ाज का शहर है, ज़रा फ़ासले से मिला करो।
लेकिन होली का संदेश इससे बिल्कुल उलट है। यह त्योहार हमें बताता है कि दूरियों को मिटाना है, गिले-शिकवे भुलाने हैं और हर किसी को अपने रंग में रंग लेना है।

आज की डिजिटल दुनिया में हमारे पास हजारों वर्चुअल दोस्त हैं, लेकिन असल जिंदगी में हम अकेले होते जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर बधाइयों के संदेश जरूर भेज दिए जाते हैं, लेकिन वह गर्मजोशी और अपनापन कहीं गुम हो गया है। होली इस ठंडेपन को तोड़ने का जरिया है। जब गुलाल उड़ता है, जब रंग भीगते हैं, जब हंसी ठहाके गूंजते हैं, तब अहसास होता है कि असली रिश्ते ऑनलाइन नहीं, बल्कि हमारे आसपास के लोगों में हैं।
जिगर मुरादाबादी का शेर इस मौके पर खूब सटीक बैठता है
रंग लाती है हयात, सूरते-इंसा बदल जाती है,
अपनी दुनिया को तो रंगों की तरह खुला रखो।
होली हमें सिखाती है कि रंगों की तरह हमें भी अपनी सोच को खुला रखना चाहिए। हम जितना प्रेम बांटेंगे, उतना ही यह दुनिया खूबसूरत बनती जाएगी।
होली सिर्फ रंगों से खेलने का त्योहार नहीं, बल्कि यह उन मतभेदों को मिटाने का भी दिन है जो रिश्तों में दरार पैदा कर देते हैं। राजनीति हो, धर्म हो या व्यक्तिगत संबंध, हमारी जिंदगियों में कहीं न कहीं खटास आ ही जाती है। होली का रंग हमें इस खटास को मिठास में बदलने का संदेश देता है।
जौन एलिया के शब्दों में
रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ,
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ।
लेकिन होली का संदेश यही है कि रंजिशों को भुलाकर, गिले-शिकवे दूर कर फिर से दोस्ती और अपनत्व को बढ़ाया जाए। यह पर्व हमें सिखाता है कि जिंदगी छोटी है, और इसमें किसी भी तरह की नफरत और मनमुटाव की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
आज जब लोग व्यक्तिगत जीवन में व्यस्त हो गए हैं, जब संयुक्त परिवारों की जगह एकल परिवारों ने ले ली है, जब पड़ोसी तक एक-दूसरे को नाम से नहीं जानते, तब होली ही एक ऐसा त्योहार है जो हमें एक-दूसरे के करीब लाने का काम करता है। यह हमें सिखाता है कि इंसानियत और प्रेम से बड़ा कोई धर्म नहीं।
फिराक गोरखपुरी का एक मशहूर शेर इस पर सटीक बैठता है
रंग कुछ और भी बहारों के,
लोग कुछ और भी निखर जाएंगे।
होली हमें नए सिरे से जीवन जीने का हौसला देती है। यह पर्व बताता है कि खुशियां बांटने से बढ़ती हैं, और प्रेम का कोई रंग नहीं होता, बस एक अपनापन होता है।
होली का असली मजा दोस्तों और परिवार के साथ होता है, न कि नशे में धुत होकर हुड़दंग मचाने में। इस मौके पर प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें ताकि हमारी प्रकृति सुरक्षित रहे। होली का मतलब सिर्फ अपनों तक सीमित नहीं है, बल्कि उन लोगों तक भी प्रेम पहुंचाना है जिनसे हमारा कोई सीधा संबंध नहीं। इस दिन अपने डिजिटल गैजेट्स से दूरी बनाकर असली दुनिया में खुशियां बांटें। यह दीगर बात है कि हमारी इस बात को आप गैजेट के जरिए ही सुन और देख पा रहे हैं। खैर। होली सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि यह हमारे समाज को जोड़ने का जरिया है। यह त्योहार बताता है कि ज़िंदगी में असली खुशी अपनों के साथ होती है, न कि वर्चुअल लाइफ में। इस बार होली पर सोशल मीडिया के स्क्रीन से नजर हटाकर, अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर रंगों में सराबोर हो जाइए।
क्योंकि आखिर में यही कहा गया है
‘होली का हर रंग आपकी जिंदगी में नई खुशियां और नए रिश्ते लेकर आए।’