होली पर रूठे पुलिसकर्मी, सांसत में सरकार, जानिए… कैसे ?

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भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
राजस्थान के अधिकांश पुलिस थानों में इस बार सन्नाटा पसरा हुआ है। कारण यह कि इस बार पुलिसकर्मी होली नहीं मना रहे। हालांकि उच्चाधिकारियों ने दबाव बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी लेकिन कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल स्तर के पुलिसकर्मी एकजुट रहे और आखिरकार पुलिस थानों में होली महोत्सव पर ग्रहण लग या। इस असाधारण निर्णय के पीछे उनकी पदोन्नति में हो रही देरी के प्रति नाराजगी है। पुलिसकर्मी आंदोलन जैसे कदम नहीं उठा सकते, इसलिए होली जैसे प्रमुख त्योहार को न मनाने का निर्णय लिया है ताकि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध जता सकें।
पुलिसकर्मियों ने ‘भटनेर पोस्ट डॉट कॉम; से कहा-‘कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल रैंक के अधिकारी लंबे समय से पदोन्नति की प्रतीक्षा में हैं। हमारी मांग है कि पदोन्नति प्रक्रिया को शीघ्र और पारदर्शी बनाया जाए ताकि योग्य अधिकारियों को समय पर उन्नति मिल सके।’
पुलिसकर्मियों के मुताबिक, विभाग में उच्चाधिकारियों की पदोन्नति समय के साथ जारी है लेकिन कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल स्तर पर 2019 से कोई पदोन्नति नहीं हुई। इससे इस वर्ग के कार्मिकों में नाराजगी है। कई बार सरकार तक बात पहुंचाई गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। पुलिसकर्मियों का कहना है कि उनकी कार्य स्थितियों में सुधार की आवश्यकता है, जिसमें कार्य के घंटे, अवकाश नीति और अन्य सुविधाएं शामिल हैं।
पुलिसकर्मियों द्वारा होली न मनाने का निर्णय सरकार के लिए एक गंभीर संकेत है। एक पूर्व डीआईजी ने ‘भटनेर पोस्ट डॉट कॉम’ से कहा-‘पुलिसकर्मियों का यह कदम जनता के बीच सरकार की छवि पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। लोग इसे सरकार की संवेदनहीनता के रूप में देख सकते हैं, जिससे जनता का विश्वास कम हो सकता है। पुलिस बल का मनोबल गिर सकता है, जिससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। यह कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।’
सरपंच रोहित स्वामी ‘भटनेर पोस्ट डॉट कॉम’ से कहते हैं, ‘सरकार को पुलिसकर्मियों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को समझना चाहिए और समाधान के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। पदोन्नति प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध बनाया जाना चाहिए ताकि योग्य अधिकारियों को समय पर उन्नति मिल सके। पुलिसकर्मियों की कार्य स्थितियों का मूल्यांकन कर उनमें सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।’
सूत्रों के मुताबिक, पुलिसकर्मियों का यह शांतिपूर्ण विरोध सरकार के लिए एक चेतावनी है कि उनकी समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए और शीघ्र समाधान किया जाए। यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो यह स्थिति और गंभीर हो सकती है, जिससे कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

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