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डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र नई दिल्ली में ‘वैश्विक पटल पर भारत का पुनरुत्थान’ विषयक दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में राजस्थान आर्थिक परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सन्तोष राजपुरोहित ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का पिछले दशक का सबसे बड़ा परिवर्तन डिजिटल इकोनॉमी का रहा।
वैश्विक अर्थव्यवस्था को व्यापक रूप से लेन-देन के लोकव्यवहार में डीजिलाइटशन भारत की देन मान सकते हैं। आज बड़े बड़े मॉल से लेकर रिक्शा चालक तक लेन-देन में डिजिटल पेमेंट को स्वीकार कर रहे हैं। यह पिछले दशक का महत्वपूर्ण योगदान हैं जिसने वैश्विक परिदृश्य पर भारतीय पहल को इंगित करवाया हैं।
वैश्विक पटल पर रूस-यूक्रेन, इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष की चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था संतोषजनक प्रदर्शन कर रही है। इस कॉन्फ्रेंस को यूजीसी के चैयरमेन एम जगदीश कुमार, संघ लोक सेवा आयोग के पूर्व चैयरमेन प्रोफेसर डी पी अग्रवाल, जे एन यू की कुलपति प्रोफेसर एस डी पंडित सहित अनेकों विद्वानों ने संबोधित किया। खास बात है कि डॉ. राजपुरोहित अब तक 43 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस एवं सेमिनार में भाग ले चुके हैं तथा अपने शोध पत्र प्रस्तुत कर चुके हैं।