


भटनेर पोस्ट डेस्क.
हनुमानगढ़ जिला कांग्रेस कमेटी ने जिले की पंचायत समितियों के पुनर्गठन पर गंभीर आपत्ति जताते हुए मोर्चा खोल दिया। कांग्रेस ने जिला मुख्यालय पर जनप्रतिनिधियों की एक अहम बैठक बुलाकर जिले में प्रस्तावित बदलावों की पड़ताल की और फिर कलक्टर को ज्ञापन सौंप कर एक ही मांग पर जोर दिया, ‘जनहित सर्वाेपरि है, पुनर्गठन में भी इसे ही प्राथमिकता मिले।’
डीसीसी अध्यक्ष सुरेंद्र दादरी ने स्पष्ट किया कि सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत पंचायत समिति हनुमानगढ़ को दो भागों में विभाजित किया गया, हनुमानगढ़ टाउन और हनुमानगढ़ जंक्शन। यहां तक तो ठीक था, लेकिन पेंच फंसा पंचायतों के असंगत बंटवारे में। ग्राम पंचायत श्रीनगर और 31 एसएसडब्ल्यू, जो घग्घर नदी की दक्षिण दिशा में स्थित हैं, उन्हें जबरन नवगठित पंचायत समिति हनुमानगढ़ जंक्शन में शामिल कर दिया गया। जबकि भौगोलिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से वे हनुमानगढ़ टाउन में ही सहज बैठती हैं।

सुरेंद्र दादरी ने बताया कि दूरी के लिहाज से श्रीनगर पंचायत हनुमानगढ़ टाउन से सिर्फ 7 किमी और 31 एसएसडब्ल्यू मात्र 12 किमी दूर है, जबकि जंक्शन से उनकी दूरी क्रमशः 15 और 22 किमी है। और मज़ेदार बात ये इन पंचायतों को जंक्शन पहुंचने के लिए टाउन होकर ही गुजरना पड़ेगा। जनता और पंचायत के बीच यह कैसा भूगोल?
जिला प्रमुख कविता मेघवाल ने दो टूक कहा, ‘श्रीनगर और 31 एसएसडब्ल्यू को जंक्शन में जोड़ने से ग्रामीणों में भारी रोष है। यह निर्णय अव्यवहारिक ही नहीं, बल्कि जनविरोधी भी है।’ पूर्व प्रधान दयाराम जाखड़ ने आरोप लगाया कि यह पुनर्गठन बिना जनप्रतिनिधियों और आम जनता की सलाह के ही कर्मचारियों ने मनमाने ढंग से कर डाला। ‘यह परिसीमन अगर क्षेत्र की भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक स्थितियों के अनुसार होता, तो शायद यह विरोध नहीं होता।’

ग्राम पंचायत पक्कासारणा को लेकर भी दिलचस्प विवाद सामने आया। इस गांव में स्थित चक 24 एलएलडब्ल्यू को दो हिस्सों, चक ए और चक बी में बांटकर नई पंचायत प्रस्तावित की गई है। कांग्रेस जनप्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि इन्हें ग्राम पंचायत पक्कासारणा ए और पक्कासारणा बी के नाम से चिन्हित किया जाए, ताकि नाम में निरंतरता बनी रहे और स्कूल, अस्पताल, बैंक जैसी संस्थाओं के नाम बदलने की आवश्यकता ना पड़े।

ज्ञापन में सिर्फ पंचायतों का मुद्दा नहीं था। भक्तों और किसानों की समस्याएं भी प्रमुख रहीं। हनुमानगढ़ टाउन से भद्रकाली मंदिर तक की 6 किमी लंबी सड़क के अंतिम 500 मीटर का चौड़ीकरण भी मांगा गया। 16 फीट चौड़ी सड़क को 30 फीट किया जाए ताकि दर्शनार्थियों को राहत मिले, खासकर दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए समुचित पहुंच सुनिश्चित हो।
जिला परिषद डायरेक्टर मनीष मक्कासर ने मंडियों की हालत बयां करते हुए कहा ‘सरसों और गेहूं की खरीद बेहद धीमी है। समर्थन मूल्य पर टोकन लिमिटेड हैं और तुलाव व उठाव समय पर नहीं हो रहा। किसान मजबूरी में 400-500 रुपए कम में फसल बेच रहे हैं।’ सरसों की खरीद 10 अप्रैल से शुरू हुई लेकिन हर दिन सिर्फ 50 टोकन जारी हो रहे हैं। गेहूं की खरीद के अनुपात में बारदाना की आपूर्ति न होने से भी संकट गहराया हुआ है।
ज्ञापन में कांग्रेस प्रतिनिधियों ने जिले में चल रही योजनाओं की निगरानी की भी मांग की। इनमें जल जीवन मिशन, बिजली-पेयजल आपूर्ति, सीवरेज कार्यों की धीमी गति पर चिंता जताते हुए जिला अस्पताल में घुटना प्रत्यारोपण की सुविधा शीघ्र शुरू करने की गुजारिश भी की गई। ज्ञापन के दौरान डीसीसी महामंत्री गुरमीत चंदड़ा, कांग्रेस सेेवादल जिलाध्यक्ष व प्रवक्ता अश्विनी पारीक, सरपंच और डीसीसी प्रवक्ता नवनीत संधू, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष संदीप सिंह सिद्धू समेत कई वरिष्ठ कांग्रेसजन मौजूद रहे।





