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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न का सम्मान दिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने इस आशय की घोषणा की है। दरअसल, कर्पूरी ठाकुर समाजवाद के पुरोधा माने जाते हैं। उन्हें दो बार बिहार का सीएम बनने का मौका मिला। पिछड़ों में मसीहा के तौर पर विख्यात हैं। लालू प्रसाद यादव, शरद यादव, नीतीश कुमार व रामविलास पासवान सरीखे नेता कर्पूरी ठाकुुर के शिष्य माने जाते हैं।
कर्पूरी ठाकुर की सादगी और सौम्यता का एक किस्सा बेहद चर्चित है। बतौर सीएम कर्पूरी ठाकुुर के निजी सचिव रहे वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र किशोर बताते हैं कि एक बार मुख्यमंत्री के तौर पर कर्पूरी ठाकुर दिल्ली प्रवास पर थे। कुछ विधायक भी दिल्ली थे। कर्पूरी ठाकुर बिहार भवन में ठहरे हुए थे। वे किसी से मिलने गए थे और पीछे से एक विधायक राणा शिलोखपति सिंह बिहार भवन पहुंचे और उन्होंने देखा कि सीएम नहीं हैं तो यह सोचकर उनके बिस्तर में सो गए कि जब मुख्यमंत्री आएंगे तो उन्हें अपनी बात कहेंगे। बताते हैं, देर रात मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुुर अपने रूम में गए तो देखा वरिष्ठ विधायक सो रहे हैं। कर्पूरी ठाकुर ने उन्हें जगाना मुनासिब नहीं समझा और फर्श पर बिस्तर लगाकर सो गए। बताते हैं, रात को लघुशंका के लिए जगे विधायक ने गलती से उनके हाथ पर कुचल दिए जिससे कर्पूरी ठाकुर कराह उठे लेकिन उन्होंने किसी को बताया भी नहीं। ऐसे थे कर्पूरी ठाकुर।