इंटरनेशनल स्तर पर जाना जाएगा हनुमानगढ़ का सैनिक स्कूल, क्यों बोले बाबूलाल जूनेजा ?

भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.
शिक्षा जगत में नवाचारों व उपलब्धियां हासिल करने के लिए विख्यात बाबूलाल जूनेजा ने हनुमानगढ़ को यूनिवर्सिटी के बाद सैनिक स्कूल की सौगात दी है। बेशक, इससे शहर और जिले का नाम रोशन हुआ है। गुड डे डिफेंन्स स्कूल, सैनिक स्कूल हनुमानगढ़ में नवनियुक्त सैनिक स्कूल निदेशक सेवानिवृत्त आईजी गिरीश चावला का पदभार ग्रहण समारोह में वक्ताओं के भाषण का यही मुख्य भाव था। समारोह की अध्यक्षता श्री गुरू गोबिन्द सिंह चौरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक बाबूलाल जुनेजा ने की। कार्यक्रम में विद्यालय के विद्यार्थियों ने राजस्थानी, हिन्दी व देशभक्ति गीतों पर सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरीं।
श्री गुरू गोबिन्द सिंह चौरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक बाबूलाल जुनेजा ने कहा कि सैनिक स्कूल का हनुमानगढ़ में खुलना हमारे क्षेत्र का सौभाग्य है। रेत के टीलों की जगह पर भव्य विश्वविद्यालय व जिले का पहला सैनिक स्कूल खोलने का सपना हनुमानगढ़ की जनता के शुभाशीष के कारण ही संभव हो सका है। इस सैनिक स्कूल का नाम इन्टरनेशनल स्तर पर जाना जाएगा। विद्यालय के विद्यार्थियों को तनावमुक्त रखते हुए शिक्षित व शारीरिक रूप से फिट करना विद्यालय का मुख्य उद्देश्य है, इसके लिए अनुभवी स्टॉफ के साथ साथ सेना के प्रतिनिधियों के सेमीनार का आयोजन किया जायेगा।
सेवानिवृत्त आईजी गिरीश चावला ने कहा कि जब चुरू व झुझुनूं के विद्यार्थियों में प्रतिभा हो सकती है तो हनुमानगढ़ के विद्यार्थी को भी उचित सुविधा मिलने पर उनकी प्रतिभा को भी निखारा जा सकता है। विद्यार्थी जीवन में सफल होने का प्रथम चरण अनुशासन है और अनुशासन के माध्यम से ही बड़ी से बड़ी कठिनाई को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा वर्तमान में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के इस दौर में विद्यार्थियों की पढ़ाई के प्रति तनाव को कम करने के लिए भी स्कूल की ओर से अलग-अगल विधियां अपनाई जायेगी। उन्होने अभिभावकों से भी अपील की कि विद्यार्थी की प्रगति रिपोर्ट के लिए विद्यालय स्टॉफ से निरन्तर सम्पर्क बनाये रखे व साथ ही शिक्षकों का सहयोग करे। उन्होने कहा कि जब तक विद्यार्थी स्वयं के स्तर पर परिश्रम व मेहनत नही करेगा तब तक सफलता मिल पाना बेहद मुश्किल है, इसलिये अपने विद्यार्थी को मोबाईल व नकारात्मक विषयों से दूरी बनाकर रखते हुए शिक्षा व खेलों से निरन्तर जोड़ें, जिससे वह शारीरिक व मानसिक रूप से सुढृढ़ बन सके। विद्यालय प्रिंसीपल पंकज उप्पल ने आभार जताया।

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