भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
कांग्रेस नए तेवर में दिख रही है। किसी भी चूक होने पर सत्तापक्ष को रियायत देने के मूड में नहीं है। भलेे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का अंबेडकर को लेकर बयान हो या फिर भजनलाल सरकार की पहली वर्षगांठ। कांग्रेस रणनीति के तहत सत्तापक्ष का विरोध कर रही है। जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से मंगलवार यानी 24 दिसंबर को हनुमानगढ जिला मुख्यालय पर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर सम्मान मार्च निकाला गया। यह मार्च डीसीसी अध्यक्ष सुरेन्द्र दादरी के नेतृत्व में जंक्शन की धानमंडी के नजदीक स्थित अम्बेडकर सर्किल से रवाना हुआ जो जिला कलेक्ट्रेट के समक्ष पहुंचा। उसके बाद अमित शाह को गृह मंत्री के पद से बर्खास्त करने की मांग के संबंध में राष्ट्रपति के नाम कलक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। कांग्रेसजन डॉ. अम्बेडकर की तस्वीर वाले पोस्टर एवं अमित शाह से माफी और उनके पद से बर्खास्तगी की मांग वाले नारों के साथ मार्च में शामिल हुए।
इस मौके पर पीसीसी से कार्यक्रम प्रभारी विधायक डूंगरराम गेदर और पीसीसी महामंत्री व प्रवक्ता आरसी चौधरी विशेष रूप से मौजूद रहे। विधायक डूंगरराम गेदर बोले-‘ देश के गृह मंत्री को भारत की जनता से माफी मांगनी चाहिए। साथ ही अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। अमित शाह ने संविधान पर अपने विचार रखते हुए बाबा साहेब का अपमान किया। उनके इस बयान से देश का जनमानस आहत हुआ है। अमित शाह ने जो बोला है वह केवल शब्द भर नहीं बल्कि उन्होंने बाबा साहेब का उपहास उड़ाया है। जो लोग बाबा साहेब के सिद्धांतों पर यकीन करते हैं, और जो अधिकार हजारों सालों से दलितों-पिछड़ों को नहीं मिल पाए थे, उन अधिकारों को दिलाने में बीआर अंबेडकर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस वजह से देश का बड़ा वर्ग बाबा साहेब को पूजनीय मानता है। उन लोगों का भी अमित शाह ने उपहास उड़ाया है। गृह मंत्री के तौर पर जब अमित शाह संविधान निर्माता का सम्मान नहीं कर रहे हैं, तो फिर उनको अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।’
पीसीसी महामंत्री आरसी चौधरी विरोध के स्वर को मुखरता देते हुए बोले-‘बाबा साहेब पर जो टिप्पणी की गई है, वह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस टिप्पणी से किसी एक समाज का नहीं बल्कि पूरे भारत देश के संविधान को बनाने वाले महापुरुष का अपमान हुआ है। हम अपने संविधान को बनाने वाले का अपमान सही नहीं करेंगे। इस टिप्पणी को लेकर अमित शाह इस्तीफा दें या माफी मांगें।’
डीसीसी अध्यक्ष सुरेन्द्र दादरी ने अमित शाह की टिप्पणी को संविधान निर्माता अंबेडकर का अपमान करार देते हुए इसे भारतीय संविधान के खिलाफ बीजेपी की मानसिकता का प्रतीक बताया। दादरी बोले-‘अमित शाह की टिप्पणी संविधान निर्माता और दलित समुदाय के प्रति अपमानजनक है। यह बीजेपी की दलित विरोधी और संविधान विरोधी मानसिकता को उजागर करती है। यदि बीजेपी को दो-तिहाई बहुमत मिलता है तो वह संविधान में संशोधन कर दलितों और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण समाप्त करने का प्रयास कर सकती है। बीजेपी की नीति संविधान को कमजोर करने और अंबेडकर की विरासत को मिटाने की है। बीजेपी सांसदों ने संसद में व्यवधान पैदा करने और विपक्षी नेताओं तक पहुंचने से रोकने के लिए जानबूझकर रणनीति बनाई। महिला सांसदों सहित विपक्षी नेताओं पर हमले और उनके साथ दुर्व्यवहार से बीजेपी की तानाशाही मानसिकता सामने आई है। हम अंबेडकर और संविधान के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे।’
नोहर विधायक अमित चाचाण, पीलीबंगा विधायक विनोद गोठवाल व पीसीसी सदस्य भूपेन्द्र चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने अमित शाह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। प्रधानमंत्री मोदी ने न तो शाह से इस्तीफा मांगा और न ही उनकी टिप्पणी की निंदा की। इसके बजाए उनके ट्वीट अमित शाह के बयान का समर्थन करते प्रतीत होते हैं। उन्होंने अमित शाह के बयान को भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय बताते हुए कहा कि बीजेपी के कार्य न केवल अंबेडकर की विरासत को खतरे में डालते हैं। बल्कि लोकतंत्र की नींव को भी कमजोर करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देशभर में विरोध-प्रदर्शन और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए जागरूकता फैलाने की योजना बनाई है ताकि बीजेपी की दलित विरोधी नीति और अंबेडकर के प्रति असंवेदनशीलता को उजागर किया जा सके।
जिला प्रमुख कविता मेघवाल, पूर्व प्रधान दयाराम जाखड़ व प्रधान सोहन ढिल ने कहा कि भाजपा की नियत बाबा साहेब अंबेडकर और संविधान विरोधी है। गृह मंत्री अमित शाह ने बाबा साहेब का अपमान किया है और ये सब पूरी दुनिया ने देखा है। बाबा साहेब का अपमान देश सहन नहीं कर सकता। पीसीसी सचिव मनीष मक्कासर और एससी विभाग के प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर चांवरिया ने राजस्थान की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीते एक वर्ष में विकास की एक भी योजना नहीं बनी। सरकार अपनी झूठी वाहवाही करने में लगी हुई है। राजस्थान की इस निरंकुश सरकार ने इस एक साल में आम जनता के साथ कुठाराघात करते हुए कांग्रेस की ओर से शुरू की गई जनकल्याणकारी योजनाओं के नाम बदलने का काम मात्र किया है। सरकारी विभागों में बजट के अभाव में कार्य ठप पड़े हैं। इससे भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा बेनकाब हो गया है। फसलों की एमएसपी पर खरीद नहीं हो रही। महंगाई की मार भी लगातार बढ़ती जा रही है, बावजूद इसके सरकार अपनी वर्षगांठ मना रही है, जो कि समझ से परे है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस डॉ. अम्बेडकर के अपमान को लेकर अमित शाह के इस्तीफे की मांग पर अटल है। जब तक अमित शाह इस्तीफा नहीं देंगे, हम विरोध-प्रदर्शन जारी रखेंगे।
इस मौके पर पूर्व सांसद भरतराम मेघवाल, पीसीसी सचिव संजय मेघवाल, संगठन महामंत्री गुरमीत सिंह चन्दड़ा, उपाध्यक्ष करणीसिंह राठौड़, इकरामुदीन, बालचन्द ज्याणी, जयदेव भिड़ासरा, चन्द्रपाल भोबिया, जगदीश सिंह राठौड़, महामंत्री गुरदीप चहल, मनोज सैनी, इशाक खान, रविन्द्र बेनीवाल, इन्द्रजीत शर्मा, राज पूनिया, मनोज बड़सीवाल, अशाराम बडग़ुजर, सचिव मांगीलाल स्वामी, विजेन्द्र साईं, रणवीर सिहाग, सुभाष घोटिया, सुरेन्द्र कांसल, सुखपाल सिंह इन्द्रगढ़, मोहम्मद हुसैन खोखर, बलराज सिंह, सोशल मीडिया प्रभारी जयराम ढूकिया, कृष्ण पेंटर, प्रवक्ता अश्विनी पारीक, ब्लॉक अध्यक्ष संदीप सिद्धू देहात हनुमानगढ़, जिनेन्द्र जैन शहर, सुधीर गोदारा, अजय ढिल भादरा, देवीलाल रावतसर, बलवीर सिद्धू पीलीबंगा, कृष्ण जैन, श्याम सुन्दर मेघवाल, उप जिला प्रमुख मुकेश सहारण, जिला यूथ कांग्रेस अध्यक्ष विनोद बुडानिया, जिला अध्यक्ष ओबीसी मनमोहन सोनी, महावीर सहारण, मोहनलाल इन्दलिया, सुलोचना बावरी, प्रवीणा मेघवाल, हरिसिंह बरोड़, डॉ. अजय ढिल, विशाल गोस्वामी, देवीलाल मटोरिया, सुधीर गोदारा सहित सैकड़ों कांग्रेसजन मौजूद रहे।