हनुमानगढ़ में अप्रत्याशित परिणाम की उम्मीद, जानिए…कैसे ?

भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.

 मतदान के बाद सबको परिणाम का बेसब्री से इंतजार है। हनुमानगढ़ में कांग्रेस के चौधरी विनोद कुमार, भाजपा के अमित सहू और निर्दलीय गणेशराज बंसल के बीच तिकोना मुकाबला है। तीनों के समर्थक अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। सबके अपने-अपने तर्क हैं। लेकिन कम मतदान की वजह से यह कहना मुश्किल है कि इस बार विधानसभा कौन जा रहा है।
 दरअसल, कांग्रेस और भाजपा का अपना निश्चित वोट बैंक है। उसकी शुरुआत वहीं से होती है। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी अमित सहू के मैदान में आने से कार्यकर्ताओं का एक वर्ग उदासीन नजर आया था लेकिन बाद में पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप, पूर्व सभापति राज कुमार हिसारिया, पूर्व जिलाध्यक्ष बलवीर बिश्नोई और पूर्व पार्षद देवेंद्र अग्रवाल अपने प्रयासों से उस वर्ग को साधने मे कामयाब रहे। 
 प्रचार के शुरुआती दौर में कांग्रेस प्रत्याशी पिछड़ते नजर आ रहे थे। उनके खास सिपहसालार से लेकर अधिकांश कार्यकर्ता निर्दलीय गणेशराज बंसल के साथ हो लिए थे। लिहाजा उनका चुनावी प्रचार अभियान कमजोर पड़ गया।
 निर्दलीय गणेशराज बंसल की ‘हवा’ बेहद तेज नजर आई। दिलचस्प बात यह कि शुरू से आखिर तक हवा में में कोई तब्दीली नहीं आई। कहा गया कि दो परिवारों से उबे हुए लोग अब नया चेहरा देखना चाहते हैं। लेकिन यह तब माना जाता जब वोटों का परसेंटेज बढ़ता। तभी महसूस होता कि आम जनता दोनों परिवारों से निजात पाने के लिए छटपटा रही है। अगर ऐसा होता तो मतदान का प्रतिशत कम से कम 86 फीसद तक होना चाहिए था। लेकिन मतदान पिछले चुनाव से भी कम हुआ। यानी मतदाता चुनाव को लेकर उदासीन थे। पिछले चुनाव में 83.20 फीसद के मुकाबले इस बार हनुमानगढ़ में 80.07 फीसद मतदान का मतलब यह है कि परिणाम अप्रत्याशित यानी चौंकाने वाले हो सकते हैं।

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