भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.
भारत की मौजूदा राजनीति में बड़बोले नेताओं की लंबी सूची है। इनमें एक हैं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी। वे शब्दों को चबा-चबाकर कई बार ऐसा कुछ बोल जाती हैं, जिसको लेकर उन्हें बाद में शर्मसार होना पड़ता है। आलोचकों का कहना है कि स्मृति ईरानी टेलीविजन की दुनिया की सफलतम अभिनेत्री रही हैं, राजनीति की कसौटी पर वे खरा नहीं उतरतीं। बहरहाल, वे फिर चर्चा में हैं।
दरअसल, जबलपुर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा। लेकिन इसमें किसी को दिक्कत नहीं क्योंकि उनके बारे में कहा जाता है कि वे भले केंद्रीय मंत्री हों लेकिन बतौर मंत्री उनकी कोई उपलब्धि नहीं। हां, वे कांग्रेस और गांधी परिवार पर हमला करने के लिए जानी जाती है। इस वक्त वे गांधी परिवार पर निशाना साधने के लिए चर्चा में नहीं हैं। इस बार उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर ऐसा बयान दिया कि भाजपा भी इस बयान को पचा नहीं पा रही।
स्मृति ने सभा में कहाकि जब मोदी ने अगले पांच सालों तक गरीबों को मु्फत अनाज देने की बात कही तो कांग्रेसियों को दिक्कत हुई। उन्होंने मोदी पर केस करने की धमकी दी। बकौल ईरानी, ‘ कर दो केस। मोदी डरेगा नहीं। मोदी को शेर का बच्चा है। गीदड़ का बच्चा थोडी ही है जो डर के भाग जाएगा।’
मध्यमप्रदेश-छत्तीसगढ़ में स्मृति ईरानी के इस बयान पर बवाल मच गया है। भाजपा भी इसे पचाने की स्थिति में नही है। भाजपा के एक बड़े नेता ने कहाकि शेर भले जंगल का राजा हो, ताकतवर हो लेकिन है तो जानवर ही। इसलिए प्रधानमंत्री के लिए इस तरह के शब्दों का उपयोग असंसदीय है, अलोकतांत्रिक है, अभद्र है। नेताओं में इतनी अक्ल तो होनी ही चाहिए कि अपने नेता की प्रशंसा के लिए किस तरह के शब्दों का उपयोग होना चाहिए।
मध्यमप्रदेश-छत्तीसगढ़ में स्मृति ईरानी के इस बयान पर बवाल मच गया है। भाजपा भी इसे पचाने की स्थिति में नही है। भाजपा के एक बड़े नेता ने कहाकि शेर भले जंगल का राजा हो, ताकतवर हो लेकिन है तो जानवर ही। इसलिए प्रधानमंत्री के लिए इस तरह के शब्दों का उपयोग असंसदीय है, अलोकतांत्रिक है, अभद्र है। नेताओं में इतनी अक्ल तो होनी ही चाहिए कि अपने नेता की प्रशंसा के लिए किस तरह के शब्दों का उपयोग होना चाहिए।