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महाविद्यालय के अन्य विद्यार्थियों ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया और मॉडलों की कार्य प्रणाली को समझा। सहायक आचार्य अमित कुमार फुटेला, केवल कृष्ण, हर्षिता सिंह तथा अमित सुथार निर्णायक की भूमिका में रहे।
मुख्य अतिथि राज तिवाड़ी ने कहा कि भौतिकवादी युग है। प्रत्येक व्यक्ति आज अधिक से अधिक वस्तुओं का उपभोग करने हेतु लालायित है। जिसके परिणामस्वरूप वह इस प्रकार के संसाधनों का उपयोग कर रहा है, जो प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण को विशेष रूप से हमारी सुरक्षा छतरी ओजोन परत को नुकसान पहुंचा रहा है।
इस पर्यावरणीय ह्रास के लिए हम सब उत्तरदायी हैं। हम सब कुदरत के अपराधी हैं। कुदरत हमें कभी माफ नहीं करेगा।
निर्णायक कमेटी द्वारा परिणाम की घोषणा की गई जिसमें बीए प्रथम वर्ष से नेहा मीना तथा निशा की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया जबकि नताशा एवं खुशबू की टीम दूसरे स्थान पर रही और संजना व तमन्ना की टीम तृतीय स्थान पर रही। मुख्य अतिथि द्वारा सभी विजेताओं को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. संतोष राजपुरोहित तथा उप-प्राचार्य अनिल शर्मा ने मुख्य अतिथि को सम्मानित कर उनका आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में सहायक आचार्य सुभाष चंद्र, जसवंत सिंह, सुमीना यादव भी मौजूद रहे।