भटनेर पोस्ट न्यूज. हनुमानगढ़.
घग्घर बहाव क्षेत्र में पानी की बढ़ती मात्रा बेचैनी का सबब है। देर रात पानी और अधिक बढ़ने की संभावना है। ऐसे में आने वाले 36 घंटे को बेहद संवेदनशील माना जा रहा है। इस बीच, प्रशासन संभावित खतरों से निपटने की तैयारियों में जुटा हुआ है। कलक्टर रूक्मणि रियार घग्घर के बहाव क्षेत्र पीरकामडिया, पन्नीवाली, शेरेकां, सायफन 629 हैड कि व्यवस्थाएं देखने पहुंची। एसपी सुधीर चौधरी भी उनके साथ थे। उन्होंने तटबंधों की स्थिति का जायजा लिया तथा नियुक्त अधिकारियों से संसाधनों के बारे में पूछा।
पन्नीवाली में एक अतिरिक्त मशीन की आवश्यकता को महसूस करते हुए तुरंत मशीन की व्यवस्था करवाई गई। कलक्टर ने ग्रामीणों से कहा कि घबराने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की आवश्यकता है। जितना जल्दी हो सके प्रभावित होने वाले बहाव क्षेत्र को खाली कर अपने रिश्तेदारों के यहां चले जाए। कलक्टर बोलीं-‘मैं आपसे अनुरोध करना चाहूंगी कि अगर बुजुर्ग, छोटे बच्चों, महिलाओं को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कर सकते हैं, तो करने का प्रयास करें अन्यथा इसमें हमारी मदद चाहिए तो हमारी ग्राउंड लेवल की टीम को बताएं। हमने रिलीफ कैंप चिह्नित कर लिए हैं आप उनमें भी शिफ्ट हो सकते हैं, रिलीफ सेंटर में जाने के लिए बसों की व्यवस्था भी की गई है। आपके जो मवेशी हैं उन्हें हमने शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से रिलीफ सेंटर में जाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है।’
पीरकामडिया में ग्रामीणों से संवाद करते हुए कलक्टर और एसपी ने ग्रामीणों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपको यह लग रहा है कि घग्घर में पानी का लेवल तीव्र गति से नही बढ़ रहा है। लेकिन जिस तरह पंजाब के पटियाला, संगरूर, रोपड़ तथा चंडीगढ़ में पानी से नुकसान हुआ है, घग्घर में पीछे से बढ़ रही पानी की आवक को देखकर और अधिक सतर्कता जरूरी है। कलक्टर ने सभी व्यवस्था को चाक चौबंद करने के लिए अधिकारियो को निर्देश दिए। इस मौके पर एसडीएम स्वाति गुप्ता, नोहर एसडीएम सत्यनारायण सुथार, तहसीलदार हरीश टाक, उमा मित्तल सहित पुलिस प्रशासन सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में अति संवेदनशील क्षेत्रों के लोगों को शिफ्ट करने के लिए 55 राहत केंद्र बनाए गए है। मसीतावाली व सिलवाला खुर्द में राहत शिविरों में व्यवस्थाओं को जांचने नोडल अधिकारी और सीईओ श्री अशोक असीजा पहुंचे। उन्होंने मौके पर पानी, बिजली, साफ सफाई और भोजन कि व्यवस्थाओं को जांचा और संबंधितों को उचित दिशा निर्देश दिए।