पीलीबंगा: भारी पड़ सकती है मतदाताओं की चुप्पी, जानिए…कैसे ?

-एडवोकेट एम.एल. शर्मा-

   भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.

 जैसे-जैसे सूबे में लोकतंत्र के महासमर रूपी यज्ञ का मुहूर्त निकट आ रहा है, उम्मीदवारों की सक्रियता उसी तेजी से बढ़ रही है। हनुमानगढ़ जिले की पीलीबंगा सीट से कांग्रेस व भाजपा ने पुराने चेहरों पर ही दाव खेला है। विधायक धर्मेन्द्र मोची भाजपा प्रत्याशी के तौर पर हैं तो कांग्रेस से एक बार फिर विनोद गोठवाल। विगत 2018 के चुनावो में गोठवाल महज 278 वोटों से पराजित रहे थे। हालांकि रालोपा व एएसपी गठबंधन के सुनील क्रांति भी चुनावी समर में है पर टक्कर द्विदलीय ही नजर आ रही है।

 मुख्य मुकाबला कांग्रेस भाजपा के मध्य ही है। दोनों ही प्रत्याशी चुनावी माहौल में प्रलोभन, मीठी मनुहार व लुभावने वादों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अच्छी बात यह है कि इस दफा जनता भी सियासतदानों को परख चुकी है। वोटर सच्चे चेहरों को परख कर, समझ कर मतदान के मूड में है।
 हालांकि आम मतदाता खामोश है पर समझ सब कुछ रहा है। जनता की चुप्पी का यह अर्थ कदापि नहीं कि वोटर कुछ जानते या समझते नहीं है। मतदाता को नादान समझना दोनों दलों के लिए बड़ी भूल साबित हो सकती है।

 बात विकास की करें तो कांग्रेस गत कार्यकाल में हुए विकास, राज्य सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, राशन किट, विद्युत बिलों में छूट, महिलाओं को निःशुल्क मोबाइल, बस किराए में छूट जैसी योजनाओं के बूते हुकूमत पाने के प्रति आश्वस्त नजर आ रही है तो भाजपा के पास मोदी ही एकमात्र ब्रह्मास्त्र है।
 ओपीएस को लागू करना जादूगर का मास्टर स्ट्रोक है इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है। उसका असर दिख रहा है।
उधर, जनता अभी खुलकर अपने पत्ते नहीं खोल रही है। प्रबुद्ध जन कहते हैं कि अब तो प्रत्याशी फोन भी तुरंत उठा रहे हैं, समय पर कार्यक्रमों में भी शिरकत कर रहे हैं। ऐसे अगर पूरे कार्यकाल के दौरान रहे तो वोटो के लिए उन्हें करबद्ध होने की दरकार ही नहीं हो। भाजपा अभी भी मुख्यमंत्री का चेहरा ढूंढने में विफल रही है, वहीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को भी एक तरीके से दरकिनार करना भारी पड़ेगा इसकी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
विधानसभा क्षेत्र में पीलीबंगा, रावतसर व गोलूवाला आते हैं। सिंचाई पानी, स्वच्छ पेयजल, बाईपास जैसे मुद्दे हावी है। हालांकि वर्तमान सरकार ने कस्बे में पेयजल योजना के लिए करीब 45 करोड रुपए स्वीकृत कर मतदाताओं को साधने का काम किया है। कुल मिलाकर दोनों दलों के बीच टक्कर नजर आ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *