भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.
नोहर की राजनीति ‘अबूझ’ बन गई है, जब तक औपचारिक रूप से परिणाम का एलान न हो। पिछले चुनाव के मुकाबले इस पर मतदाताओं ने वोट डालने में दिलेरी दिखाई। तीन फीसद ज्यादा वोट पड़े। सत्तारूढ़ पार्टी के लिए यह बड़ा नुकसान माना जा सकता है। भाजपा प्रत्याशी अभिषेक मटोरिया और कांग्रेस के अमित चाचाण के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा है। चर्चा है कि अभिषेक मटोरिया के पक्ष में प्रमुख नेताओं का लामबंद होना उनके लिए फायदे का सौदा साबित हुआ। दो पूर्व जिलाध्यक्ष काशीराम गोदारा और रामकृष्ण भाकर की सक्रियता से वे दिनोंदिन मजबूत होते गए वहीं अमित चाचाण के लिए अंदरुनी कलह मुश्किलें पैदा करती रहीं। पायलट समर्थक कांग्रेसी तो खुलेतौर पर बीजेपी के लिए समर्थन भी जुटाते नजर आए। लिहाजा, विधायक अमित चाचाण के लिए राह आसान नहीं लगती। यहां पर भी माकपा के मंगेज चौधरी का बढ़ा हुआ जन समर्थन कांग्रेस के लिए नुकसान देह साबित हो सकता है जबकि अगर उन्हें उम्मीद से कम वोट मिलते हैं तो वह कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम करेगा, ऐसा माना जा रहा है।