भटनेर पोस्ट न्यूज. हनुमानगढ़.
भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप के पुत्र अमित सहू की फेसबुक पर लिखी पोस्ट चर्चा में है। युवा नेता अमित सहू ने पोस्ट में मित्र और शत्रु को लेकर अपनी बात लिखी थी। उन्होंने लिखा, ‘जिस मित्र की शत्रुओं के साथ बैठक हो उस मित्र से हमेशा सावधान रहना चाहिए।’ पोस्ट लिखते समय अमित सहू के मन में क्या भाव थे, यह तो वे ही जानते हैं लेकिन फेसबुक यूजर्स ने इस पोस्ट पर न सिर्फ प्रतिक्रिया दी बल्कि कई यूजर्स तो भाजपा के युवा नेता को नसीहत देने से भी नहीं चूके। पोस्ट करने के 22 घंटे बाद तक इसे 940 लोगों के लाइक मिले और 267 कमेंट आए। वहीं, 15 लोगों ने इस पोस्ट को साझा करने में रुचि दिखाई।
श्रीगंगानगर के भाजपा नेता राजकुमार सोनी ने पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ‘राजनीति में न स्थाई मित्रता होती है न स्थाई शत्रुता अमितजी। और गुरबाणी में आया है, ‘करे करावे आपे आप, मानस के कुछ नहीं हाथ। इसलिए आप किसी भी ओपन शत्रु की चिंता न करें, बल्कि गुप्त शत्रुओं से सावधान रहें। जयश्रीराम। -राजकुमार सोनी श्रीगंगानगर।’
प्रधान सुनील चाहर ने लिखा, ‘एक पुरानी कहावत है, यदि आपका मित्र आपके शत्रु का भी मित्र है तो आपके दो शत्रु हैं।’
राजस्थान बाल कल्याण आयोग के पूर्व सदस्य अर्जुन बागड़ी ने लिखा, ‘आपको ऐसे मित्रों से बहुत पहले से ही बचने की जरूरत थी पर देर आए….अब भी बच लेना। कानों के थोड़े कच्चे हो भैया। बस किसी की भी बात सुनके एक पक्षीय निर्णय मत लिया करो और किसी की बात सुनके किसी भी व्यक्ति के बारे में राय मत बनाओ। उस व्यक्ति का पक्ष भी सुना करो। अपने आसपास के वातावरण को सही रखिए।’
भाजपा के पार्षद सुरेश धमीजा ने टिप्पणी करते हुए लिखा, ‘जो शत्रु के साथ हो वो मित्र कैसे हुआ ? पहले मित्र और शत्रु में फर्क जानिए…। सावधानी की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।’
भाजपा कार्यकर्ता समीर प्रभाकर ने लिखा, : एकदम सही। ऐसे बहुत से लोग हैं अपने बीच जो सदा आसपास ही रहते हैं, पहचानो।’
आईएमए के पूर्व अध्यक्ष व जाने माने सर्जन निशांत बतरा ने पूछा, ‘आज इतने खतरनाक विचार कैसे ?’