…कब के बिछड़े हुए ये आज यहां आके मिले!

भटनेर पोस्ट न्यूज. हनुमानगढ़.
शनिवार का दिन अब छुट्टी का होता है। जंक्शन के जाट भवन में लीक से हटकर कार्यक्रम था। अभियंताओं का कार्यक्रम। हर उम्र के इंजीनियर्स। सीनियर्स और जूनियर्स भी। उम्र और विभाग के लिहाज से अलग-अलग। लेकिन एक समानता थी। सब के सब एक ही कॉलेज के विद्यार्थी रहे। बैच अलग-अलग। एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज जो अब विश्वविद्यालय है। आयोजन के सूत्रधार थे जल संसाधन विभाग उत्तर जोन के मुख्य अभियंता अमरजीत सिंह मेहरड़ा। एसई शिवचरण रैगर ‘भटनेर पोस्ट’ को बताते हैं, ‘हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर सहित प्रदेश व देश के विभिन्न क्षेत्रों में कॉलेज के पूर्व छात्र सरकारी व निजी संस्थानों में सेवारत हैं। हनुमानगढ़ जिले में एक ही कॉलेज के इतने सारे इंजीनियर्स हैं जो अलग-अलग विभागों में सेवा देकर जिले का विकास सुनिश्चित कर रहे हैं। इसलिए यह विचार आया कि क्यों न पूर्व छात्रों को एक जगह एकत्रित किया जाए। कॉलेज टाइम को याद कर सबने खूब इन्ज्वॉय किया। कार्यक्रम में समस्त अभियंताओं ने अपने अच्छे एवं हास्य अनुभवों को एक दूसरे के साथ साझा करते हुए खूब ठहाके लगाए।’
अमरजीत मेहरडा बताते हैं, ‘जीवन में आपाधापी है। प्रोफेशनल लाइफ भी टफ है। ऐसे में जब पुराने मित्र या सीनियर्स एक साथ बैठते हैं, पुरानी बातें साझा करते हैं तो मन में गजब की खुशी मिलती है। स्नेह मिलन के बहाने सबकी पुरानी यादें तो ताजा हुई है साथ ही साथ है अपने अपने क्षेत्र में नए अनुभव एवं नवाचारों का भी ज्ञान मिला है।’

कार्यक्रम में विशेष स्मारिका का विमोचन किया जिसमें समस्त एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के पूर्व छात्रों के नाम, पद व सम्पर्क सूत्र सहित अनेकों महत्वपूर्ण जानकारियां भी शामिल हैं। कार्यक्रम में इंजीनियर दलीप गौड़ (पीएचईडी), शिशुपाल बंसल (थर्मल), एमपी पूनियां (पूर्व उपनिदेशक एआईसीटीई एवं अब प्रोफेसर एमएनआईटी जयपुर), करण सिंह आईएफएस, रमेश मूंड डीएफओ, पूर्व जोनल मुख्य अभियंता (विद्युत) आरके मोहता, पूर्व मुख्य अभियंता जल संसाधन निसार अहमद, सतीश अरोड़ा, विद्युत, पीडब्ल्यूडी, जलदाय, कृषि उपज मंडी समिति, जिला परिषद, तकनीकी शिक्षा, भारतीय वन सेवा, सेना क्षेत्र में कार्यरत एवं पूर्व में विभिन्न पदों पर रहे अभियंता सपरिवार शामिल हुए। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए विशेष रूप से बीएल मोहता भी पहुंचे। कार्यक्रम को सफल बनाने में डिस्कॉम के सेवानिवृत एसई मांगीराम बिश्नोई अरुण अरोड़ा, आत्मा सिंह, रामाकिशन, श्रवण सहारण, सहीराम टाक, वीके बलाना, सुमन भारती, महेंद्र भादू, प्रेम वर्मा, राजेश छापरवाल का भी सहयोग रहा।

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