भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.
हनुमानगढ़ विधानसभा सीट के लिए हर किसी को अब भाजपा उम्मीदवार घोषित किए जाने का बेसब्री से इंतजार है। कमोबेश सभी टिकटार्थी हनुमानगढ से बाहर हैं, अपवाद को छोड़कर। बीजेपी टिकट को लेकर कई गुटों में विभक्त है। रोचक बात है कि सोशल मीडिया पर सभी के समर्थक टिकट का दावा करते दिख रहे। ऐसे में न सिर्फ टिकट के लिए रोचकता बढ़ गई है बल्कि चुनाव दिलचस्प होगा, ऐसा लगने लगा है।
हनुमानगढ़ सीट के लिए करीब दर्जन भर टिकटार्थी हैं। जो अपने-अपने हिसाब से टिकट के लिए एडी चोटी का जोर लगा रहे हैं। जब वरिष्ठ नेता ओम माथुर की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की खबर आती है तो पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप के समर्थकों की बाछें खिल जाती हैं। उन्हें लगता है कि माथुर अपने पुराने संबंधों के कारण डॉ. रामप्रताप को टिकट दिलाने में सफल होंगे।
हनुमानगढ़ सीट के लिए करीब दर्जन भर टिकटार्थी हैं। जो अपने-अपने हिसाब से टिकट के लिए एडी चोटी का जोर लगा रहे हैं। जब वरिष्ठ नेता ओम माथुर की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की खबर आती है तो पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप के समर्थकों की बाछें खिल जाती हैं। उन्हें लगता है कि माथुर अपने पुराने संबंधों के कारण डॉ. रामप्रताप को टिकट दिलाने में सफल होंगे।
कुछ घंटे बाद खबर आती है कि सभापति गणेशराज बंसल ने राज्य प्रभारी अरुण सिंह से मुलाकात की है तो टिकट का समीकरण बदल जाता है। बंसल समर्थक टिकट पक्का मानकर दावे करने लगते हैं।
वहीं, दूसरी ओर पूर्व विधायक कृष्ण कड़वा के लिए उनके समर्थकों का कहना है कि उनके भाई सुनील जाखड़ पंजाब बीजेपी अध्यक्ष हैं। वे पूरे राजस्थान में एक ही टिकट मांगेंगे तो उनको कौन मना करेगा। इसलिए कड़वा को टिकट नहीं मिलने का कोई सवाल ही नहीं।
डॉ. सुमन चावला के समर्थकों को पूरा भरोसा है कि बीजेपी महिला वोटर्स को अपने पक्ष में करने के लिए उन्हें टिकट देगी क्योंकि पार्टी की दो महिला नेता जिले में बगावत पर उतर आई हैं और बीजेपी पर महिला विरोधी होने का खुल्लमखुल्ला आरोप लगा रही हैं इससे बीजेपी की किरकिरी हो रही है। यानी चावला समर्थक इस तर्क के साथ टिकट फाइनल मानकर चल रहे हैं।
युवा नेता अमन संधू के समर्थकों को उम्मीद है कि शीर्ष नेतृत्व वरिष्ठ नेता भाई जसपाल सिंह की सेवा को ध्यान में रखकर अमन को मौका देगा। अमन की युवाओं में अच्छी पैठ बताई जा रही।
बीजेपी जिलाध्यक्ष देवेंद्र पारीक के समर्थक भी टिकट फाइनल मानकर चल रहे। वे प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के साथ देवेंद्र पारीक के प्रगाढ़ रिश्ते की दुहाई देकर टिकट फाइनल होने का दावा कर रहे हैं।
विश्व हिंदू परिषद के सह प्रांतीय संयोजक पद छोड़कर भाजपा की राजनीति में आए आशीष पारीक के समर्थक शुरू से टिकट फाइनल मान कर चल रहे हैं। उनका कहना है कि संघ उनको सपोर्ट कर रहा है क्योंकि इस वक्त संघ के लिए आशीष पारीक से भरोसेमंद कोई दावेदार नहीं।
डॉ. संदीप सहारण के समर्थक इस बात का दावा कर रहे हैं कि पैनल में उनका नाम दूसरे नंबर पर है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ उनके मधुर संबंध है, इसलिए डॉ. सहारण को टिकट मिलना तय हैं। प्रेम सहू के समर्थक साफतौर पर कहते हैं कि टिकट प्रेम सहू और आशीष पारीक में से किसी एक को मिलेगा। प्रेम सहू वसुंधराराजे खेमे के हैं और वहां से कोई दिशा मिलने के बाद ही उन्होंने टिकट के लिए आवेदन किया।
सुरेंद्र जलंधरा के समर्थकों का अपना दावा है। उनका कहना है कि जलंधरा को संघ का आशीर्वाद है और बड़े नेताओं का भी। इसलिए उनके टिकट कटने का कोई सवाल ही नहीं। सावन पाईवाल के समर्थकों का दावा भी कम नहीं। वे साफ तौर पर कहते हैं सावन ने प्रदेश मुख्यालय में बड़े नेताओं के साथ काम किया। आज उन्हें उसका फल मिलेगा।
इस तरह सभी टिकटार्थियों के मजबूत दावे हैं, समर्थकों में ‘शीतयुद्ध’ जैसी स्थिति है। चूंकि भाजपा की सूची तैयार है, इसलिए अब ज्यादा बहस और दावे की कोई गुंजाइश नहीं। सब कुछ जल्दी ही क्लीयर होने वाला है। लेकिन समर्थकों के दावांें का क्या कहना! है न?