भटनेर पोस्ट न्यूज. जयपुर.
राज्य में ‘मेडिकल इमरजेंसी’ की स्थिति पैदा होने लगी है। विधानसभा में राइट टू हेल्थ बिल पास होते ही डॉक्टर्स आग बबूला हो गए हैं। आज उन्होंने जयपुर में शक्ति प्रदर्शन किया। इस दौरान काफी संख्या में डॉक्टर्स ने पैदल मार्च किया और बिल का मुखर विरोध किया। दूसरी ओर, बिल के विरोध और डॉक्टरों के समर्थन में आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने देशव्यापी बंद का आह्वान किया है, जिसमें मेडिकल सर्विस बंद करने की बात कही है। जयपुर में पैदल मार्च 11 बजे के करीब एसएमएस मेडिकल कॉलेज से शुरू हुआ। जो गोखले हॉस्टल मार्ग, सूचना केंद्र टोंक रोड, महारानी कॉलेज तिराहा, अशोक मार्ग, राजपूत सभा भवन, पांच बत्ती, एमआई रोड, अजमेरी गेट, न्यू गेट, अल्बर्ट हॉल, होते हुए वापस मेडिकल कॉलेज पहुंचकर खत्म हुआ। गौरतलब है कि रविवार को डॉक्टरों के प्रतिनिधि मंडल की मुख्य सचिव उषा शर्मा के साथ बैठक हुई, लेकिन उसमें कोई हल नहीं निकला। डॉक्टर्स बिल वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। सरकार बिल को लागू करने पर। इसके चलते अब लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। लोगों को समय पर ट्रीटमेंट नहीं मिल रहा और लोग भटक रहे हैं। राइट टू हेल्थ का उल्लंघन करने और इलाज से मना करने पर 10 से 25 हजार तक का जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। पहली बार उल्लंघन पर जुर्माना 10 हजार और इसके बाद 25 हजार तक होगा। राइट टू हेल्थ बिल की शिकायतें सुनने और अपील के लिए जिला स्वास्थ्य प्राधिकरण और राज्य स्तर पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण बनेगा। प्राधिकरण में ही शिकायतें सुनी जाएंगी। बिल के उल्लंघन से जुड़े मामले में प्राधिकरण के फैसले को किसी सिविल कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकेगी।