भटनेर पोस्ट न्यूज सर्विस.
हनुमानगढ़ जिले के रावतसर न्यायालय परिसर में 28 सितंबर को हुई तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत में एक ऐसे विवाद का निपटारा हुआ जिसे सफलता के पथ पर मील का पत्थर माना जाएगा। दरअसल, राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायिक अधिकारी व अधिवक्ताओं की समझाइश का परिणाम रहा कि 30 वर्षों से लंबित चले आ रहे एक दीवानी प्रकृति के मामले का 30 मिनट में ही निस्तारण हो गया। प्रकरण के मुताबिक, पूरबसर गांव के भूखंड का यह विवाद सन 1994 से चल रहा था। लोक अदालत को संबोधित करते हुए एसीजेएम रचना बिस्सा बताती हैं कि यह विधिक सेवा प्राधिकरण की दूरदर्शी सोच का नतीजा है जो लोक अदालत की अवधारणा आमजन के हितार्थ फलीभूत हो रही है। आपसी समझाइश के द्वारा राजीनामा के आधार पर मामले निस्तारित होने से पीड़ित को समय पर कानूनी उपचार मिल रहा है वहीं दूसरी ओर लोक अदालत में निपटे प्रकरणों के पक्षकारों के मध्य भाईचारा भी कायम है।
लोक अदालत को लेकर तालुका विधिक सेवा समिति अध्यक्ष एसीजेएम रचना बिस्सा, एसडीम संजय कुमार व पैनल अधिवक्ता एमएल शर्मा की संयुक्त बेंच ने एडीजे, एसीजेएम, जेएम व राजस्व न्यायालय द्वारा रेफर मामलों तथा प्री लिटिगेशन के प्रकरणों में समझाइश की। लोक अदालत में दीवानी प्रकृति के वा, दांडिक शमनीय मामले, चेक अनादरण के मामले, पारिवारिक विवाद सहित 183 प्रकरण मौके पर ही निस्तारित हुए। जिनमे एक करोड़ 79 लाख 99 हजार 405 की अवार्ड राशि पारित की गई। इस दौरान नायब तहसीलदार पतराम गोदारा, बार अध्यक्ष लिच्छीराम, सचिव संतलाल बिजारनिया, उमेश शर्मा, सुनील धारीवाल, अनिल सिहाग, सतपाल भादू, सुरेंद्र हुड्डा, हनुमान जोशी, रवि सुथार, नीरज कस्वां, न्यायिक कर्मी किशन छाछिया, अंकित अग्रवाल, हरिश्चंद्र लावा सहित काफी संख्या में अधिवक्ता व पक्षकारान मौजूद रहे।