भगत सिंह से सीखें मुल्क के लिए मरना, क्यों बोले तरुण विजय ?

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भटनेर पोस्ट डेस्क.
हनुमानगढ जिला मुख्यालय स्थित वार्ड नंबर 3 नई खुंजा में शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहीद दिवस पर कार्यक्रम हुआ। शहीदों को नमन करते हुए उनके बलिदान को याद किया गया। प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष तरुण विजय ने कहा, ‘भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु केवल नाम नहीं, बल्कि एक विचारधारा हैं। उनका जीवन हमें सिखाता है कि देश के लिए जीना और मरना क्या होता है। आज के समय में उनकी सोच को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने मात्र 23 वर्ष की आयु में देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, क्या हम उनके सपनों के भारत के लिए कुछ कर पा रहे हैं? हमें अपने कर्तव्यों को समझना होगा और राष्ट्रहित में कार्य करना होगा।’
ज़िला कांग्रेस कमेटी के जिला महासचिव मनोज बडसीवाल ने कहा, ‘आजादी हमें मुफ्त में नहीं मिली है। इसके लिए हजारों क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने देश की स्वतंत्रता के लिए हंसते-हंसते फांसी को गले लगाया। आज हमें आत्मचिंतन करना चाहिए कि क्या हम उनकी कुर्बानी के काबिल भारत का निर्माण कर रहे हैं? हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करना चाहिए और देश को प्रगति के पथ पर आगे ले जाने के लिए ईमानदारी और समर्पण के साथ कार्य करना चाहिए।’
समाजसेवी रामनिवास ने कहा, ‘आज के युवाओं को भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों से प्रेरणा लेनी चाहिए। जिस उम्र में युवा अपने करियर और निजी जिंदगी के बारे में सोचते हैं, उस उम्र में भगत सिंह और उनके साथियों ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। आज जरूरत इस बात की है कि हम अपने देश के लिए कुछ करें, देश की एकता और अखंडता को मजबूत करें। जब युवा अपने कर्तव्यों को समझेंगे और राष्ट्रहित में कार्य करेंगे, तभी सच्चे अर्थों में शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा सकेगी।’
युवा नेता मनीष सेतिया ने कहा, ‘देशभक्ति केवल शब्दों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसे अपने कर्मों में उतारना होगा। आज हम जिन मूल्यों के साथ खड़े हैं, क्या वे हमारे शहीदों के सपनों के अनुरूप हैं? भगत सिंह ने कहा था कि क्रांति का मतलब केवल हथियार उठाना नहीं, बल्कि सोच में बदलाव लाना भी है। हमें अपने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कार्य करना चाहिए और भ्रष्टाचार, भेदभाव व अन्य बुराइयों को खत्म करने का संकल्प लेना चाहिए।’
वक्ताओं ने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने भीतर देशभक्ति की भावना को जागृत करें और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं। इस अवसर पर राजेंद्र बड़सीवाल, के राज पेंटर, लालचंद शर्मा, विकास भारतीय, नितिन गर्ग, मंगत बड़सीवाल, शिवराज सिंह मान, गगन गिल, करण नायक, मयंक नायक, पंकज जालप, गुरविंदर सिंह, प्रदीप कुमार नायक, डॉ. अशोक कुमार, प्रकाश सिंह शेखावत, सोनू यादव व योगेश ऋषि आदि मौजूद थे।

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