भटनेर पोस्ट सिटी डेस्क.
हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय स्थित नई खुंजा में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने संस्कृत स्कूल को वरिष्ठ उपाध्याय में क्रमोन्नत कराने में अहम भूमिका निभाने वाले व्यक्तियों का अभिनंदन किया। यह कार्यक्रम शहरवासियों और सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें प्राइवेट स्कूल कॉलेज एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष तरुण विजय, पार्षद प्रतिनिधि मनोज बड़सीवाल, निजी स्कूल संघ के तहसील अध्यक्ष विजय सिंह चौहान, रामस्वरूप भाटी, और सेवादल विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास किरोड़ीवाल का सम्मान किया गया।
इस अवसर पर प्राइवेट स्कूल कॉलेज एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष तरुण विजय ने अपने संबोधन में कहा कि संस्कृत स्कूल को वरिष्ठ उपाध्याय में क्रमोन्नत कराना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। लेकिन शहरवासियों, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संस्थाओं और मीडिया के निरंतर सहयोग से यह सपना साकार हुआ। उन्होंने कहा कि यह वरिष्ठ उपाध्याय स्कूल क्षेत्र के कई युवाओं के लिए उनके सपनों को साकार करने की सीढ़ी साबित होगा। उन्होंने बताया कि संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने और छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है। संस्कृत विद्यालय को वरिष्ठ उपाध्याय स्तर तक ले जाने के प्रयासों में हर स्तर पर कई बाधाएं आईं, लेकिन सभी ने मिलकर इनका सामना किया और यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की।
पार्षद प्रतिनिधि मनोज बड़सीवाल ने भी इस अवसर पर शहरवासियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि संस्कृत विद्यालय की इस उपलब्धि से क्षेत्र में शिक्षा का स्तर और ऊंचा होगा। उन्होंने संस्कृत भाषा और संस्कृति को संरक्षित और प्रचारित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
निजी स्कूल संघ के तहसील अध्यक्ष विजय सिंह चौहान ने इसे पूरे शहर के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि यह स्कूल आने वाले समय में न केवल संस्कृत शिक्षा में बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में भी योगदान देगा।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने इस उपलब्धि को क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। संस्कृत स्कूल को वरिष्ठ उपाध्याय में क्रमोन्नत करने की इस पहल से क्षेत्र में शिक्षा और संस्कृति के विकास के प्रति सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ है।
इस अवसर पर कृष्ण देवरथ सतपाल दामडी, हैप्पी चौहान, के राज घोडेला, नायब सिंह, गुरजंट सिंह, गुरदीप सिंह चावला, कश्मीर सिंह, द्वारका राम, ब्रज लाल स्वामी, चंद्रपाल वर्मा, लेखराम मेडी, हंसराज सोनी, गगन मिड्ढा, अर्जुन सिंह यादव, बाग अली, श्याम सिंह, विकास भारतीय, राजेंद्र बड़सीवाल, मंगत बडसीवाल, गगन गिल, शिवराज सिंह मान, जश्न सिंह, जुगल किशोर ढाका, रामलाल वर्मा, केसरा राम वकील, राम कमल भाटी व रामचंद्र मीणा आदि मौजूद रहे।