




भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई की शाम एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया जब दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हो रहे सैन्य हमलों को तत्काल प्रभाव से रोकने की सहमति जताई। यह सहमति ऐसे समय आई है जब पिछले कुछ दिनों से सीमा पर भारी तनाव और सैन्य झड़पों की खबरें आ रही थीं। इस बीच भारत के रक्षा मंत्रालय की ओर से आयोजित एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस ने स्थिति को स्पष्ट किया और पाकिस्तान की ओर से फैलाए जा रहे दुष्प्रचार का करारा जवाब भी दिया। शनिवार शाम रक्षा मंत्रालय की ब्रीफिंग में सेना, वायुसेना और नौसेना के प्रतिनिधियों ने मिलकर प्रेस को संबोधित किया। इस 9 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय सेना की तरफ से कर्नल सोफिया कुरैशी, वायुसेना से विंग कमांडर व्योमिका सिंह, और नौसेना से कमोडोर रघु आर. नायर मौजूद रहे। तीनों सैन्य शाखाओं के इन वरिष्ठ अधिकारियों ने एक स्वर में यह संदेश दिया कि भारत की सेनाएं पूरी तरह सतर्क, सक्षम और अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान द्वारा चलाए जा रहे ‘मिसइन्फॉर्मेशन कैंपेन’ की परतें खोलते हुए स्पष्ट किया कि पाकिस्तान द्वारा भारत के महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों जैसे एस-400, ब्रह्मोस मिसाइल बेस, सिरसा, जम्मू, पठानकोट और भुज एयरफील्ड्स पर हमले के दावे पूरी तरह झूठे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का यह दावा भी गलत है कि भारत ने मस्जिदों पर हमला किया। ‘भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और उसकी सेना इस मूलभूत मूल्य की झलक है,’ उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा।
पाकिस्तान को मिला निर्णायक जवाब
कर्नल कुरैशी ने यह भी बताया कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के स्कर्दू, जकूबाबाद, सरगोदा और बुलारी एयरबेस पर सटीक कार्रवाई करते हुए उनके एयर डिफेंस सिस्टम, रडार और मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। इसके अलावा एलओसी के पास उनके कमांड एंड कंट्रोल लॉजिस्टिक इंस्टालेशन्स को भी निशाना बनाया गया, जिससे उनकी ऑफेंसिव और डिफेंसिव क्षमता बुरी तरह प्रभावित हुई है।
नौसेना के कमोडोर रघु आर. नायर ने प्रेस को बताया कि भारत की थल, जल और वायु सेनाएं पूरी तरह सतर्क हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान ने फिर से किसी भी प्रकार की हिमाकत की तो उसे निर्णायक जवाब मिलेगा। “हमने उन्हें ताकत से जवाब दिया है और भविष्य में भी ऐसा ही करेंगे,” उन्होंने दोहराया।
अमेरिका की मध्यस्थता में बनी सहमति
सीजफायर की यह घोषणा सैन्य नहीं, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी खास मायने रखती है। विदेश सचिव मिसरी ने जानकारी दी कि यह युद्धविराम शनिवार शाम 5 बजे से लागू हुआ है और 12 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे। उल्लेखनीय है कि अमेरिका की सक्रिय मध्यस्थता ने इस तनाव को ठंडा करने में अहम भूमिका निभाई।
ट्रम्प और अमेरिकी प्रशासन की भागीदारी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शाम 5.30 बजे ट्वीट कर बताया कि अमेरिका की मध्यस्थता से रातभर चली बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान हमले रोकने पर राजी हुए हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्काे रूबियो और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने बताया कि पिछले 48 घंटों से वे भारतीय और पाकिस्तानी नेतृत्व के साथ लगातार संवाद में थे, जिनमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, एनएसए अजित डोभाल तथा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर भी शामिल रहे।
पाकिस्तान ने भी किया सीजफायर का स्वागत
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा क्षेत्रीय शांति के लिए प्रतिबद्ध रहा है और संप्रभुता व अखंडता से समझौता किए बिना संवाद का रास्ता चुनता रहा है। यह बयान पाकिस्तान की ओर से एक सामयिक रुख दर्शाता है, हालांकि भारतीय सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि सतर्कता बनाए रखना अब भी जरूरी है।


