




भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
राजस्थान सरकार नए वित्तीय वर्ष में बजट की हर घोषणा को जमीन पर उतारने के लिए कमर कस चुकी है। योजनाएं बन चुकी हैं, घोषणाएं हो चुकी हैं, अब बारी है क्रियान्वयन की। लेकिन इस बीच नौकरशाही के भीतर एक बड़ा असंतुलन पसरा हुआ है। एक ओर जहां वरिष्ठ अधिकारियों पर अतिरिक्त प्रभार का दबाव बढ़ता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पदोन्नत अफसर अपनी नई जिम्मेदारियों की प्रतीक्षा में हैं। इस स्थिति ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली की गति को धीमा कर दिया है। तबादला सूची का इंतजार अब सिर्फ रस्म नहीं, बल्कि एक प्रशासनिक अनिवार्यता बन चुका है।
फिलहाल कई वरिष्ठ अधिकारियों के पास एक से अधिक विभागों का अतिरिक्त प्रभार है। उदाहरण के तौर पर, कार्मिक विभाग के सचिव डॉ. कृष्णकांत पाठक के पास देवस्थान विभाग का भी जिम्मा है। वहीं, आशुतोष ए.टी. पेडणेकर को आयोजना विभाग के साथ-साथ अन्य जिम्मेदारियां भी निभानी पड़ रही हैं। डॉ. गौरव सैनी राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के प्रबंध निदेशक के रूप में अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं।
राजस्थान ऊर्जा विकास एवं आई.टी. सर्विसेज लिमिटेड, जयपुर के प्रबंध निदेशक ओम कसेरा के पास राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम का अतिरिक्त दायित्व भी है। इसके अतिरिक्त, जीएडी सचिव डॉ. जोगाराम पंचायती राज विभाग के सचिव और आयुक्त का भी कामकाज देख रहे हैं।
पुलिस महकमे में भी स्थिति कुछ अलग नहीं है। जनवरी 2025 में पदोन्नति प्राप्त करने के बावजूद कई आईपीएस अधिकारी अभी तक पूर्ववर्ती पदों पर ही कार्यरत हैं। उदाहरणस्वरूप, लता मनोज कुमार को अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर पदोन्नत किया जा चुका है, फिर भी वे अब भी राजस्थान पुलिस अकादमी में आईजी के रूप में ही कार्यरत हैं।
आईजी पद पर पदोन्नति प्राप्त करने वाले डॉ. रवि, कैलाश चंद्र बिश्रोई और रणधीर सिंह भी पूर्ववर्ती दायित्व ही निभा रहे हैं। वहीं, उपमहानिरीक्षक वेतन श्रेणी में पदोन्नति प्राप्त करने वाले अरशद अली, गौरव यादव, आनंद शर्मा, भुवन भूषण यादव, प्रहलाद सिंह कृष्णिया, शरद चौधरी, राजन दुष्यंत, शंकरदत्त शर्मा, राममूर्ति जोशी और आलोक श्रीवास्तव अब भी पुलिस अधीक्षक पद पर ही कार्य कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, इस सप्ताह के भीतर तबादला सूची जारी की जा सकती है। बजट के क्रियान्वयन और प्रशासनिक मशीनरी की दक्षता को देखते हुए सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। विभागों में संतुलन स्थापित करने के लिए यह सूची बेहद जरूरी मानी जा रही है। विश्लेषकों का मानना है कि सरकार को बजट घोषणाओं को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए प्रशासनिक संतुलन सुनिश्चित करना होगा। अधिकारियों के कार्यभार को तर्कसंगत बनाना और पदोन्नत अधिकारियों को समय पर नई जिम्मेदारियां सौंपना, प्रशासनिक पारदर्शिता और दक्षता के लिए अनिवार्य है।


