हनुमानगढ़ रेल डिपो से उम्मीदों पर पानी: सामाजिक कार्यकर्ता नारायण अग्रवाल ने लिखा रेलमंत्री को खत

भटनेर पोस्ट डेस्क.
उत्तर पश्चिम रेलवे के हालिया कदम से हनुमानगढ़ जिले की जनता में भारी आक्रोश है। पिछले सात वर्षों से जिस रेल मेंटेनेंस डिपो की मांग को लेकर संघर्ष हो रहा था, उसके निर्माण के बाद भी हनुमानगढ़ की आम जनता को अपेक्षित लाभ नहीं मिल रहा। बल्कि अब आरोप लग रहे हैं कि इस डिपो का 95 फीसद उपयोग श्रीगंगानगर की पैसेंजर ट्रेनों की मेंटेनेंस के लिए प्रस्तावित है, जिससे हनुमानगढ़ की जनता अपने ही संसाधनों से वंचित रह जाएगी।
यह गंभीर आरोप हनुमानगढ़ रेलवे वाशिंग लाइन निर्माण संघर्ष समिति के संयोजक नारायण अग्रवाल ने लगाए हैं, जिन्होंने इस मुद्दे पर विस्तारपूर्वक पत्र लिखकर भारत सरकार के रेल मंत्री का ध्यान आकर्षित किया है। ज्ञापन में कहा गया है कि यह कदम न केवल हनुमानगढ़ के साथ अन्याय है, बल्कि उत्तर पश्चिम रेलवे में फैली क्षेत्रवाद की दुर्भावनापूर्ण मानसिकता को भी उजागर करता है।


मूलभूत समस्याएं और लंबित कनेक्टिविटी
हनुमानगढ़ की रेल कनेक्टिविटी बीते 70 वर्षों से उपेक्षा की शिकार रही है। जिले का जालोर, सिरोही, जैसलमेर, उदयपुर, डूंगरपुर, अलवर, रतनगढ़ और डेगाना जैसे प्रमुख शहरों से कोई सीधा रेल संपर्क अब तक नहीं बन पाया है। जब हनुमानगढ़ में रेल मेंटेनेंस डिपो स्वीकृत हुआ, तो यह माना गया कि अब इन क्षेत्रों के लिए नई ट्रेनों के संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा। लेकिन अब जो प्रस्ताव महाप्रबंधक कार्यालय को भेजे गए हैं, वे हनुमानगढ़ को ‘डंपिंग यार्ड’ में बदलने की आशंका को बल देते हैं। अग्रवाल के मुताबिक, स्थानीय जनता ने डिपो की स्थापना के लिए सात सालों तक धरने, ज्ञापन और जनप्रतिनिधियों से संवाद का लंबा संघर्ष किया था। लेकिन अब जो स्थिति बन रही है, उसमें स्थानीय जनता को कोई सीधा लाभ नहीं मिल रहा, बल्कि हनुमानगढ़ में स्थापित डिपो का लाभ एकतरफा रूप से श्रीगंगानगर को सौंपा जा रहा है।
नारायण अग्रवाल का कहना है-‘यह सिर्फ तकनीकी भेदभाव नहीं, बल्कि हनुमानगढ़ की जनता के साथ सोची-समझी साजिश है। हमारे संसाधनों से, हमारे शहर की ज़मीन पर बना डिपो, और फायदा श्रीगंगानगर को?’ हनुमानगढ़ की जनता ने रेल मंत्री से तत्काल हस्तक्षेप कर इस प्रस्ताव को रद्द करने और हनुमानगढ़ को राजस्थान के शेष हिस्सों से जोड़ने वाली नई ट्रेनों की घोषणा की मांग की है। साथ ही, डिपो से संचालन की प्राथमिकता हनुमानगढ़ की रेल सेवाओं को देने की भी पुरजोर मांग की गई है।
क्या कहते हैं जानकार
रेलवे मामलों के जानकारों का मानना है कि यदि इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं की गई, तो यह पूरे क्षेत्र में असंतोष का कारण बन सकता है। हनुमानगढ़ एक सामरिक, कृषि और औद्योगिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण शहर है और इसकी रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करना उत्तर भारत की रणनीतिक आवश्यकताओं से भी जुड़ा है।

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