भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
हनुमानगढ़ जिले में नशा मुक्त अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला प्रशासन जल्दी ही विस्तृत कार्ययोजना जारी करेगा। इसमें चरण और समयबद्ध कार्यों को धरातल पर उतारकर जिले को नशा मुक्त करने की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे। कलेक्टर के मार्गदर्शन में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता कार्यालय जिले के सभी विभागीय अधिकारियों के समन्वय से कार्ययोजना तैयार करने में जुट गया है।
कलेक्ट्रेट सभागार में कलेक्टर काना राम की अध्यक्षता में कार्ययोजना तैयार करने पर चर्चा एवं सुझाव समीक्षा बैठक हुई। इसमें उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों से सुझावों की जानकारी ली। बैठक में अधिकारियों ने विद्यालयों-महाविद्यालयों में मेडिकल काउंसलिंग कराने, जिन स्थानों पर अधिक नशे की प्रवृति है वहां नुक्कड़ नाटक, खेल और अन्य कार्यक्रम कराने उन्हें जागरूकता में जोड़ने सहित कई सुझाव दिए। कलेक्टर ने सुझावों में प्राप्त प्रस्ताव नशा मुक्ति अवेयरनेस फोरम के गठन की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव और शहरी वार्ड में फोरम का गठन करें। इसमें राजकीय कार्मिकों के साथ युवा, वरिष्ठ नागरिक, समाजसेवी और क्षेत्र के रोल मॉडल व्यक्ति को शामिल करें। फोरम के जरिए प्रत्येक दिन/सप्ताह उसी क्षेत्र में नशामुक्ति के लिए विशेष कार्यक्रम कराएं। उन्होंने कहा कि गांव में सामाजिक और क्षेत्रीय विकास कार्यों में जागरूक महिला को नशामुक्ति सखी बनाया जाए। उन्होंने औषधि नियंत्रक कार्मिकों और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को मेडिकल सेंटर्स और मानसिक रोग के नाम से संचालित चिकित्सालयों में औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने कहा कि नशामुक्त जिले के लिए प्रत्येक व्यक्ति को कदम आगे बढ़ाने होंगे। उन्होंने कहा कि विद्यालय परिसर के 100 मीटर में नशे से संबंधित सामग्री का विक्रय करना अपराध है। इस संबंध में आमजन भी जिला प्रशासन और पुलिस को सूचित कर सकते हैं। बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक सुरेंद्र पूनियां सहित ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, चिकित्सा, शिक्षा, कृषि, सूचना एवं जनसम्पर्क, आबकारी, खेल, स्काउट गाइड, बाल अधिकारिता विभाग सहित नशा मुक्ति पर कार्यरत संस्थानों के अधिकारी-पदाधिकारी उपस्थित थे।
नो बैग डे पर नशामुक्त अभियान
कलेक्टर ने कहा कि विद्यालयों में प्रत्येक शनिवार ‘नो बैग डे‘ होता है। माह के एक शनिवार को नशा मुक्ति कार्यक्रम कराए जाए। बच्चों से पेंटिंग बनवाएं, पाती लिखवाए, नशामुक्ति पर डिबेट जैसे इवेंट कराकर उन्हें अभियान में जोड़े। महाविद्यालयों में मनोचिकित्सक और अन्य विशेषज्ञ चिकित्सक कार्यशाला लेकर एक-एक से गोपनीयता रखते हुए संवाद करें। नशा छोड़ चुके लोगों की राय अनुसार उनके भावनाओं को होर्डिग्स पर संजोए ताकि अन्य को भी प्रोत्साहन मिल सके।
शुरू होगी डेडिकेटेड हेल्पलाइन
कलेक्टर ने कहा कि जिले में एक डेडिकेटेड हेल्पलाइन नंबर जारी करें, जिसमें कॉल करने वाले के नाम गोयनीय रखकर उन्हें उचित सलाह दें। विद्यालयों में एनसीसी, एनएसएस, स्काउट-गाइड की तरह नशामुक्त अभियान के लिए भी एक नोडल की नियुक्ति करें। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में सतरंगी सप्ताह की तरह प्रत्येक उपखंड में नषा मुक्ति के लिए वार्ड अनुसार कार्यक्रम कराए। उनमें वरिष्ठ लोगों को बुलाकर अनुभव साझा कराएं और युवाओं को भी मंच पर लाए।