भटनेर पोस्ट न्यूज सर्विस.
हनुमानगढ़ जिले के एक गांव में नाबालिग को 40 दिन तक बंधक बनाकर गैग रैप के मामले में विपक्ष के तेवर तीखे हो गए हैं। विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने 6 सितंबर को कलेक्टेट पर महापडाव डाला। इसमें मुख्य रूप से संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनिया, पीलीबंगा विधायक विनोद गोठवाल, जिला प्रमुख कविता मेघवाल, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुरेंद्र दादरी, पीसीसी सचिव मनीष मक्कासर, पीसीसी सदस्य प्रेमराज नायक, धर्मपाल कटारिया, रघुवीर नायक, रामजस धौलीपाल, सोहन नायक, जसविन्द्र सिंह धालीवाल, लालचंद मेघवाल, भीम आर्मी के प्रदेशाध्यक्ष जितेन्द्र अठवाल, सुनील भारतीय, इकबाल खान, नारायण नायक, कमला मेघवाल, कांग्रेस एससी एसटी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर चावरिया, जनप्रतिनिधि पार्षद व नायक समाज के जिलाध्यक्ष निरंजन नायक, आलोक बिबान, लालचंद बावरी, दुर्गा स्वामी, अम्बेडकर नवयुवक संघ के जिलाध्यक्ष विनोद कण्डा, तहसील अध्यक्ष मनसुखजीत सिंह बग्गा, बहुजन समाज पार्टी से महावीर सहजीपुरा, भीम आर्मी से सतपाल जोगपाल, समाजसेवी प्रो. सुमन चावला, जिला परिषद सदस्य सरोज नायक, बावरी समाज से रविन्द्र बावरी, माकपा से रामेश्वर वर्मा, रघुवीर वर्मा, मजदूर युनियन से शेर सिंह शाक्य, सरपंच बलदेव मक्कासर, सरपंच सोनू चौपड़ा, महिला संगठन से चन्द्रकला वर्मा, कुलदीप औलख, जीतराम भील सहित अन्य सामाजिक व राजनैतिक दलों ने उक्त आन्दोलन को दल बल सहित समर्थन दिया।
बारिश होने के बाद भी महापड़ाव बिना किसी अव्यवस्था के जारी रहा। वक्ताओं ने कहा कि देश में जहां जहां भाजपा का शासन है, वहां नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ी है और भाजपा सरकार ऐसी अपराधिरियों को संरक्षण देने का काम कर रही है। उन्होने कहा कि ऐसी घटनाओं को ज्वलंत बनने से रोकने के लिए शासन प्रशासन लगा रहता है, जिस कारण आमजन में रोष व्याप्त है। नाबालिग बेटियों को बंधक बनाने के बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ धरकर बैठी थी और जब गैगरेप की बात सामने आई तो पूरा प्रशासन बात को दबाने के लिए जुट गया, जो साबित करता है कि भाजपा के शासन में ऐसी घटनाओं को दबाने का काम किया जाता है, परन्तु हनुमानगढ़ की उक्त घटना दबने वाली नही है, यह आग हनुमानगढ़ से चलकर पूरे देश में फैल चुकी है।
प्रशासन द्वारा प्रतिनिधिमण्डल को वार्ता के लिए बुलाया गया, परन्तु पुलिस कप्तान अपनी गलती माने बिना प्रतिनिधिमण्डल की बात सुनने को तैयार नही दिखे। प्रतिनिधिमण्डल ने संबंधित थानाधिकारी को लाइन हाजिर करने की पहली बात कही, जिस पर ही पुलिस ने मानने से इनकार कर दिया, इसलिए वार्ता विफल हो गई। धरने की अगुवाई करते हुए एडवोकेट प्रेमराज नायक ने कहा कि यह धरना समाप्त नही हांेगा, यह धरना चलता रहेगा और 16 सितम्बर को आन्दोलन का नया रूख प्रशासन को देखने को मिलेगा। विभिन्न समुदाय के लोगों ने वार्ता विफल होने पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का पुतला फुककर विरोध दर्ज करवाया और सभी लोगों से आह््वान किया कि 16 सितम्बर को अधिक से अधिक जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर पहंुचे, जिससे दोनो नाबालिग बेटियों को न्याय दिलवाया जा सके और ऐसे अपराधिक घटनाएं कारित करने वाले दोषियों को फांसी भी मिल सके। इस मौके पर रोहित जावा, सुशील नायक, ममता मेघवाल, संतोष नायक, पवन मेघवाल, मुकेश नायक, राकेश नायक, रतन आजाद, रेवतराम, सोहनलाल जिनागल, शंकरलाल नायक, अमित कल्याणा, आजम खान, सतीश वर्मा चिन्टू, कुलदीप औलख, कुलदीप भाटिया, देवकरण नायक, ओमप्रकाश नायक, रणवीर नायक, योगी अखबारी नाथ सहित पूरे जिले से विभिन्न समुदाय के लोगों ने भाग लिया।