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हनुमानगढ़ टाउन स्थित राजकीय जिला अस्पताल में ही 100 बैड की क्रिटिकल केयर ब्लॉक यूनिट का निर्माण करवाया जाएगा। कलक्टर कानाराम ने 29 अप्रैल को समझौता वार्ता में यह भरोसा दिलाया। कलेक्टर ने आश्वस्त किया कि हॉस्पिटल कैंपस में ही क्रिटिकल केयर यूनिट स्थापित किया जाएगा, जिसका क्रियान्वयन कार्य को आचार संहिता के हटते ही गति दी जाएगी। भाजपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र पारीक की मध्यस्थता में अस्पताल बचाओ संघर्ष समिति का प्रतिनिधि मंडल कलक्टर से मिला था और इस संबंध में आ रही अड़चनों पर चर्चा हुई। प्रतिनिधिमंडल में भगवान सिंह खुडी, सुशील जैन, बलकरण सिंह ढिल्लो, कलवंत वर्मा व अन्य सदस्य मौजूद थे। भाजपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र पारीक ने बताया कि राज्य सरकार आम जन को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए कटिबद्ध है। समझौता वार्ता में कलेक्टर सहित मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, पीएमओ, आईआरटीसी के अधिकारी व जिला अस्पताल बचाओ संघर्ष समिति सदस्य मौजूद थे। संघर्ष समिति के सदस्यों ने बताया कि राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी जयपुर के पत्र के अनुसार हनुमानगढ मे 4450 लाख रूपये किटिकल केयर ब्लॉक यूनिट 100 बैड हेतु स्वीकृत किये गये है। जिसमे सिविल कार्य के लिए 3055 लाख रूपये स्वीकृत है। जिला अस्पताल बचाओ सघर्ष समिति हनुमानगढ, जिला प्रशासन हनुमानगढ एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग जयपुर के प्रतिनिधिओं के मध्य समझोता हुआ था जिसमें महात्मा गांधी स्मृति राजकीय जिला चिकित्सालय हनुमानगढ टाउन मे 100 बैड़ बढ़ा का 400 बैड करने हेतु सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया था। जिसके क्रम मे तत्कालिन प्रधानाचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज हनुमानगढ डॉ. मोहन सिंह ने महात्मा गांधी स्मृति राजकीय जिला चिकित्सालय हनुमानगढ टाउन परिसर में स्थित टीबी क्लीनिक को तोड कर क्रिटिकल केयर ब्लॉक यूनिट निर्माण हेतु प्रस्ताव भिजवाया था। जिला चिकित्सालय हनुमानगढ टाउन को सन 1977 में आमजन के सहयोग से बनाया गया था तथा लगातार आमजन के सहयोग से इस परिसर मे धर्मशाला, रजि. काउंटर, दरवाजे, पार्क, लेब, बल्ड बैंक आदि का निर्माण हुआ है। महात्मा गांधी स्मृति राजकीय जिला चिकित्सालय हनुमानगढ टाउन मे क्रिटिकल केयर ब्लॉक यूनिट 100 बैड का निर्माण वर्तमान पार्किंग एवं ट्रोमा सेंटर तोड कर उस स्थान पर किया जा सकता है। टीबी क्लीनिक एवं सुलभ कॉपलेक्स की जगह भविष्य में पार्किंग हेतु उपलब्ध हो सकती है। जब तक नया सीसीबी नही बनता है तब तक आपातकालीन विभाग को चिकित्सालय परिसर मे स्थित धर्मशाला अथवा आर्थाे विभाग भवन में वैकलपिक व्यवस्था बनाकर चलाया जा सकता है।