


भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने एक आदेश जारी कर राजस्थान में अब ईंट भट्ठों के लिए वर्ष में 6 महीने का समय निर्धारित किया है, जिसमें वह ईट का उत्पादन कर सकेंगे। प्रदूषण नियंत्रण मंडल की तरफ से जारी आदेश के अनुसार अब प्रदेश में 1 जनवरी से 30 जून की अवधि में ही भट्ठों से ईंट का उत्पादन किया जा सकेगा। इससे पहले या बाद में ईंट भट्ठे चलाने पर सरकार की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी। पूर्व में भट्ठों से वर्ष में 8-9 महीने तक ईंटों का उत्पादन किया जाता था। राजस्थान ईंट निर्माता संघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रतन गणेशगढ़िया ने ‘भटनेर पोस्ट’ को बताया कि प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने यह आदेश पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से जारी किया है। पूर्व में हर वर्ष बरसाती सीजन समाप्त होने के बाद श्राद्ध पक्ष में ईंट भट्ठों को शुरू कर दिया जाता था और अगले वर्ष बरसाती सीजन शुरू होने से पूर्व जुलाई तक भट्ठे चलाए जाते थे। उन्होंने बताया कि अब 6 महीने का समय निर्धारित कर दिए जाने से अक्टूबर से दिसंबर तक के तीन महीनों में ईंट भट्ठों से निकलने वाले धुएं से राहत मिलेगी। इन्हीं तीन महीनों के दौरान खेतों में किसानों द्वारा पराली (बायो वेस्ट) को भी जलाया जाता है, जिससे आसमान पर धुआं ही धुआ छा जाता है। अब कम से कम इसमें ईंट भट्ठों का धुआं शामिल नहीं होगा। लोगों को पर्यावरणीय राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल ने प्रदेश के सभी ईंट भट्टा मालिक और जिला प्रशासन प्रतिनिधियों के साथ विगत 22 जनवरी को इस संबंध में बैठक कर सहमति ली थी। इस कार्य में राजस्थान ईंट निर्माता संघ के प्रदेश कार्यकारी रतन गणेशगढ़िया, प्रभुदयाल मिड्ढा, महावीर मिड्ढा और रामकुमार भांभू भी विशेष रूप से प्रयासरत थे। हनुमानगढ़ से पवन अग्रवाल, मोहित छाबड़ा, कृष्णलाल गोदारा व दयाराम जाखड़ का भी विशेष सहयोग मिला। उक्त आदेश जारी होने पर गणेशगढ़िया ने पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा, राजस्थान ईंट निर्माता संघ के प्रदेशाध्यक्ष सरदार अजयपालसिंह और हनुमानगढ़ विधायक गणेशराज बंसल का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया है।



