बीजेपी की बल्ले-बल्ले, कांग्रेस को लगा जोर का झटका

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भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
राजस्थान में सात सीटों पर हुए उप चुनावों में भाजपा ने कांग्रेस को करारा झटका दिया है। भाजपा को चार सीटों का फायदा हुआ जबकि कांग्रेस को तीन सीटों का नुकसान हुआ है। भारतीय आदिवासी पार्टी यानी ‘बाप’ को एक सीट मिली है जबकि भाजपा पांच सीटें जीतने के साथ ही 119 तक पहुंच गई है यानी विधानसभा में अब भाजपा के 119 विधायक हो गए हैं। बीजेपी ने सलूंबर, रामगढ, देवली-उनियारा, खींवसर और झुंझुनूं सीट जीतने में कामयाबी हासिल की है। चुनाव परिणाम से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का कद बढ़ा है। अब उन्हें कमजोर मुख्यमंत्री कहना आसान नहीं होगा। माना जा रहा है कि इस चुनाव की कमान उन्होंने खुद संभाली और इसी से उनके राजनीतिक भविष्य का निर्धारण होगा। ऐसे में यह साफ है कि बीजेपी में भजनलाल शर्मा का कद बढेगा।
झुंझुनूं: ध्वस्त हो गया ओला का गढ़
झुंझुनूं क्षेत्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शीशराम ओला का गढ माना जाता रहा है। उनके निधन के बाद बृजेंद्र ओला ने राजनीतिक विरासत को संभाला। उनके सांसद बनने के बाद पार्टी ने उनके बेटे अमित ओला को उम्मीदवार बनाया लेकिन उन्हें करारी शिकस्त मिली। भाजपा के राजेंद्र भांबू ने ओला को 42 हजार 828 मतों के अंतर से पराजित किया। रोचक बात है कि 2023 में राजेंद्र भांबू को कुल 42 हजार 407 वोट मिले थे जबकि इस बार उन्होंने इतने ही वोटों के अंतर से कांग्रेस को हराया है। माना जा रहा है कि निर्दलीय राजेंद्र गुढा कांग्रेस के लिए वोटों का नुकसान करने वाला साबित हुए।
खींवसर: क्षीण हुई ‘हनुमान’ की शक्ति
खींवसर सीट पर सबकी नजर थी। यहां से आरएलपी से सांसद बने हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल चुनाव हार गई हैं। बीजेपी के रेवतराम डांगा चुनाव जीत गए हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस विधायकों ने कनिका बेनीवाल को हराने के लिए बीजेपी के पक्ष में वोटिंग करवाई। 2023 में 77 हजार वोट हासिल करने वाले रेवतराम डांगा को इस बार 1 लाख 8 हजार 628 वोट मिले। कनिका बेनीवाल को 92 हजार 727 मत हासिल हुए जबकि कांग्रेस प्रत्याशी रतन चौधरी जमानत भी नहीं बचा पाए। उन्हें महज 5 हजार 454 वोट मिले।
देवली-उनियारा: थप्पड़ कांड से बीजेपी को फायदा
यहां से बीजेपी ने कांग्रेस से सीट छीन ली है। भाजपा के राजेंद गुर्जर ने निर्दलीय नरेश मीणा को 41 हजार 121 वोटों के अंतर से हराया। कांग्रेस प्रत्याशी केसी मीणा तीसरे स्थान पर रहे।
सलूंबर: आखिरी मुकाबले में ‘बाप’ की हार
यहां पर बीजेपी और भारतीय आदिवासी पार्टी यानी ‘बाप’ के बीच रोचक मुकाबला हुआ। यानी कांग्रेस मुकाबले से बाहर रही। ‘बाप’ प्रत्याशी आखिरी राउंड से पहले तक आगे थे लेकिन अंतिम राउंड में बीजेपी प्रत्याशी शांता अमृतलाल मीणा 1 हजार 285 मतों के अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहीं।
दौसा: किरोड़ी की किरकिरी
भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. किरोड़ीलाल मीणा अपने भाई जगमोहन मीणा को जिताने में विफल साबित हुए। यहां से कांग्रेस के डीडी बैरवा ने 2300 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। हार के बाद मीणा ने पार्टी नेताओं पर भितरघात के आरोप लगाए।
रामगढ़: बीजेपी के सुखवंत जीते
बीजेपी के सुखवंत ने कांग्रेस के आर्यन जुबेर को हराया। यहां पर दोनों बीच दिलचस्प मुकाबला हुआ। आखिरकार, बीजेपी ने बाजी जीत ली।

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