हनुमानगढ़ में शोपत सिंह का रिकार्ड रहेगा या टूटेगा ?

भटनेर पोस्ट डॉट कॉम. 

हनुमानगढ़ सीट तिकोने संघर्ष में फंसी हुई दिखने लगी है। मौजूदा स्थिति में यह कहना बेहद कठिन है कि चुनाव में जीत का सेहरा किसके सिर बंधने वाला है। पिछले तीन दशक का यह सबसे दिलचस्प चुनाव है। कांग्रेस ने सातवीं बार चौधरी विनोद कुमार को टिकट दिया है तो पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप भाजपा की उम्र संबंधी कसौटी पर खरा नहीं उतर पाए और पार्टी ने उन्हें एक तरह से ‘मार्गदर्शक मंडल’ का सदस्य घोषित कर दिया। अलबत्ता पार्टी ने उनके बेटे अमित सहू को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस और भाजपा से टिकट मांग रहे नगरपरिषद सभापति गणेशराज बंसल ने निर्दलीय ताल ठोककर चुनाव को तिकोना बना दिया।

 हनुमानगढ़ के लोकतांत्रिक इतिहास में साल 1957 का चुनाव अब तक का खास रहा जब निर्दलीय प्रत्याशी शोपत सिंह को विजयश्री मिली। इसके बाद आज तक किसी आजाद उम्मीदवार पर जनता ने भरोसा नहीं किया। हां, उसके बाद तीन चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी मुकाबले में जरूर रहे। मसलन, 1958 व 1964 के चुनावों में निर्दलीय हरिराम को दूसरा स्थान मिला। इन चुनावों में क्रमशः कांग्रेस के रामचंद्र चौधरी और कुम्भाराम को जीत नसीब हुई थी। इसके बाद साल 1990 के चुनाव में डॉ. रामप्रताप बतौर निर्दलीय प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे थे। इसमें कांग्रेस के चौधरी विनोद कुमार के सिर जीत का सेहरा बंधा था। ऐसे में सवाल यह है कि क्या हनुमानगढ़ में इस बार शोपत सिंह का रिकार्ड रह पाएगा या टूटेगा ?

 

हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में शिव कुटिया के पास चुनावी गपशप में मशगूल दीपक सिंघल कहते हैं, ‘इस बार गणेशराज बंसल की इकतरफा जीत होगी। लोग दोनों सियासी परिवारों से परेशान हैं। बदलाव जरूरी है। लोगों ने सोच लिया है, दोनों परिवारों के खिलाफ वोट करेंगे। गणेश बंसल का विकास सबको दिख रहा है। विकास के लिए बदलाव लाजिमी है।’ 

 टाउन में फतेहगढ़ मोड़ पर चुनावी मजमा लगा है। लोग अपने-अपने हिसाब से विश्लेषण कर रहे हैं। वार्ड 28 के रामकुमार कहते हैं, ‘जो लोग कांग्रेस को कमजोर समझ रहे हैं, जनता उन्हें जवाब देगी। जिसको गहलोत सरकार की योजनाओं का लाभ मिला है, वे भला विनोद कुमार को वोट क्यों नहीं करेंगे। कर्मचारियों का इकतरफा वोट मिला है। महिलाओं का भी इकतरफा समर्थन मिलेगा कांग्रेस को। फिर उम्मीदवार भी तो देखेंगे। विनोद कुमार जैसा सज्जन आदमी और कोई है क्या ?’ 

रामकुमार की बात पूरी होते ही सुरजाराम बोले-‘जीतना तो बीजेपी को है। जितनी मर्जी बात कर लो। डॉ. रामप्रताप का जलवा है। अमित सहू सबसे आगे है। लोग बीजेपी की सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। शहरी वोट भले इधर से उधर हो जाए लेकिन गांवों में बीजेपी की मजबूत पैठ है। डॉ. रामप्रताप का काम बोल रहा है गांवों में। उसका लाभ मिलेगा।’ 

 स्थानीय कार्यकर्ताओं का ध्रुवीकरण
 हनुमानगढ़ सीट को लेकर रोचक तथ्य है कि भाजपा प्रत्याशी अमित सहू के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधराराजे की सभा हुई। कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी विनोद कुमार के समर्थन में कांग्रेस के राष्टीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कुमारी शैलजा जैसे वरिष्ठ नेताओं की सभा हुई। वहीं, निर्दलीय गणेशराज बंसल के पक्ष में नगरपरिषद के 70 फीसद पार्षद और पंचायतीराज के जनप्रतिनिधि दिखाई देने लगे हैं। सबसे बड़ी बात कि बंसल ने पक्ष और विपक्ष के अंतर को भी खत्म कर दिया है। भाजपा पार्षद मनोज बंसल ने गणेशराज बंसल के खिलाफ चेयरमैन का चुनाव लड़ा था, वे आज गणेशराज बंसल के साथ हैं तो नेता प्रतिपक्ष बलराज सिंह दानेवालिया भी। कांग्रेस के 25 से अधिक पार्षद पहले ही बंसल के खेमे में मौजूद हैं।

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