भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
बीजेपी ने महिला आरक्षण के नाम पर चुनाव जीतने की रणनीति बनाई थी जिस पर हनुमानगढ़ जिले में कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा। भाजपा की महिला नेत्रियां ही भाजपा को महिला विरोधी और ‘चोरों-गुण्डों’ की पार्टी कहने लगी हैं। जिले की पांच सीटों पर एक भी महिला उम्मीदवार नहीं बनाने पर बीजेपी कार्यकर्ता नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं। संगरिया में बीजेपी महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रहीं गुलाब सींवर के बगावती तेवर के बाद पीलीबंगा की पूर्व विधायक द्रोपदी मेघवाल ने 25 अक्टूबर को अपनी टीम की बैठक बुलाई। बैठक में द्रोपदी कई बार रोईं। उन्होंने सुबकते हुए पार्टी नेताओं को आड़े हाथों लिया। व्यथित कार्यकर्ताओं ने दो टूक कहा कि यह द्रोपदी की आंसू नहीं बल्कि किसानों, मजदूरों, गरीबों और क्षेत्र की महिलाओं की आंसू हैं जिसकी कीमत बीजेपी को चुकानी पड़ेगी। पार्टी नेताओं ने साफ तौर पर कहाकि अब पीलीबंगा में ‘कमल’ नहीं खिलेगा। पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व विधायक द्रोपदी मेघलावा बोलीं-‘पार्टी ने कुछ नहीं दिया। ये महिलाओं के नाम पर सिर्फ और सिर्फ छलावा कर रही है। हमलोग जी जान मेहनत करते हैं। दिन रात एक कर देते हैं। मैं एक किसान की बेटी हूं, एक गृहिणी हूं, रात दिन मैंने महेनत की है। फिर भी इस पार्टी ने कद्र्र नहीं की है। मैं यह कह सकती हूं कि ये पार्टी महिलाओं की हत्या कर रही है। महिला आरक्षण भी झूठ है, छलावा है। बीजेपी के किसी नेता ने साथ नहीं दिया। ये चोरों की, गुण्डों की पार्टी है।