मुंडा के ग्रामीणों में गुस्सा, नेताओं व अफसरों को ये दी चेतावनी

भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.
गांव मुंडा के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर सहयोग न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों पर भी मीडिया में सुर्खियां बटोरने का आरोप लगाया और सेमनाला पर प्रदर्शन किया। ग्रामीण हजारी राम वर्मा कहते हैं, ‘आपदा की स्थिति में नियमित रूप से नेता आ कर फोटो खिंचवा लेते हैं परंतु गांव का किसी भी तरह का सहयोग नहीं कर रहे। सरकार ने आपदा की स्थिति से बचाव के लिए प्रशासन को करोड़ों का बजट दिया है परंतु कमजोर तटबंधों में गांव मुंडा मुंडा में 1 रुपए का बजट नहीं आया है। ग्रामीणों ने अपने खर्चे पर सेम नाले के बांध को मजबूत किया है। अगर ग्रामीण स्वयं इस आपदा से बचाव के लिए नहीं एकजुट होकर प्रयास नहीं करते तो आज गांव मुंडा जलमग्न हो चुका होता।’
एडवोकेट प्रकाश रोझ ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहते हैं, ‘जिला प्रशासन आपदा में अवसर ढूंढते हुए करोड़ों का बजट चट्ट करने की फिराक में है। आपदा की स्थिति डालने के बाद उक्त मामले की ईडी से जांच करवानी चाहिए और दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।’ पूर्व सरपंच प्रह्लाद बेनीवाल भी रोझ की बात से सहमत दिखे। बोले- ‘ग्रामीणों ने अपने पल्ले से लाखों रुपए का डीजल और संसाधन एकत्रित कर गांव को आपदा की स्थिति से बचाया है। अब प्रशासनिक अधिकारी अपनी पीठ थपथपाना चाहते हैं जो मंजूर नहीं। इस आपदा की स्थिति में ग्रामीणों ने एकजुटता दिखाते हुए दिन-रात कड़ी मेहनत के साथ सेम नाले के तटबंधों को मजबूत किया है। अगर प्रशासन गांव का किसी भी तरह का सहयोग नहीं कर सकता तो गांव में आने की भी जरूरत नहीं है।’
उधर, ग्रामीणों ने राजनेताओं को चेतावनी दी कि अगर अब गांव में कोई भी नेता नेतागिरी करने आएगा तो ग्रामीण उसका विरोध करेंगे। इस मौके पर हुकमाराम, हजारीराम, ओम पुनिया, जगदीश नोखवाल, प्रह्लाद बेनीवाल, प्रकाश रोझ, रामनारायण बेनीवाल, राम सिंह धोसी, आशाराम श्योराण, गुरमेल सिंह सरन व अन्य ग्रामीण मौजूद थे।

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