भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
बीजेपी बदल गई तो कार्यकर्ता क्यों न बदलें। जी हां, इसी सोच के तहत राजस्थान विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से खफा नेताओं ने आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पहली सूची से आए ‘सियासी तूफान’ को नेतृत्व झेल भी न पाया था कि दूसरी सूची के बाद विस्फोट हो गया। जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। कार्यकर्ताओं के निशाने पर वरिष्ठ नेताओं के घर और दफ्तर हैं। पत्थरबाजी और तोडफोड़। प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के क्षेत्र चित्तौड़गढ से लेकर जयपुर, राजसमंद, अलवर और उदयपुर आदि में जगह-जगह विरोध हो रहे हैं। पीएम मोदी और अमित शाह जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजों पर निशाना साधते रहे हैं आज उनकी ही पार्टी में पत्थरबाजों की संख्या में बेतहाशा बढोत्तरी हो रही है। कहीं पर चुनाव सामग्री फाड़े जा रहे तो कहीं कार्यकर्ताओं ने बीजेपी कार्यालय को ही घेर रखा है।
राजधानी जयपुर की सांगानेर सीट पर अशोक लाहोटी समर्थकों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पार्टी कार्यालय को घेर लिया और जमकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ता पार्टी प्रत्याशी भजनलाल शर्मा को बाहरी बताकर उनका विरोध कर रहे हैं। झीलों की नगरी उदयपुर में ताराचंद जैन को प्रत्याशी घोषित होते ही नगर निगम के डिप्टी मेयर पारस सिंघवी व्यथित नजर आए। उन्होंने असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया पर निशाना साधा। बोले-कटारिया राजनीति को दूषित कर रहे हैं। अलवर शहर में संजय शर्मा, बूंदी में अशोक डोगरा आदि का भी मुखर विरोध हो रहा है। इस बीच, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के गृह क्षेत्र में विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने टिकट कटने पर जोशी पर आरोपों की झड़ी लगा दी। बोले-हमारी अदावत उस वक्त से है जब जोशी एनएसयूआई में थे और मैं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में। मेरा टिकट काटकर जोशी ने बड़ा अहसान किया है। अब उन्हें इसकी कीमत चुकानी पडेगी। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने प्रदेशाध्यक्ष जोशी के मधुवन कॉलोनी स्थित निवास के सामने प्रदर्शन किया और पत्थर भी बरसाए।