गोपाल झा. जयपुर.
भाजपा अगले चुनावों में फिर हिंदुत्व को उभारेगी। पदभार ग्रहण करने के साथ ही प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने इस आशय का संकेत दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को जगाया और सुकून छोड़ सत्ता के लिए जी जान से जुटने का आग्रह किया। जोशी का पहला भाषण बीजेपी की रणनीति पर केंद्रित था। जोशी ने जिस तरह उदयपुर के बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड का जिक्र किया, इससे साफ लग रहा है कि भले जनता इस दुःखद अध्याय को भूलना चाहे लेकिन भाजपा ऐसा नहीं होने देगी। वह बार-बार इसे उभारेगी, कुरेदेगी और हिंदुत्व कार्ड खेलकर सत्ता में वापसी का रास्ता सुनिश्चित करेगी। भाजपा मानती है कि कन्हैयालाल हत्याकांड उसके लिए संजीवनी का काम करेगा। वह राजस्थान के बहुसंख्यक हिंदू मतदाताओं को इस बहाने लामबंद करने के फिराक में है।
पेपर लीक के मामले युवाओं को आकर्षित करने के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। बीजेपी ने चुनावी मुद्दों में इसे भी शामिल किया है। इसको लेकर जल्दी ही सिरे से आंदोलन की शुरुआत संभव है। किसानों की कर्जमाफी का मुद्दा फिर गरमा सकता है। बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से फसल खराबे को लेकर भी पार्टी राज्य सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करेगी। जोशी ने दो टूक कहाकि रेलवे बजट और राममंदिर से संबंधित हॉर्डिग्स लगाए जाएंगे। जाहिर है, वे मोदी सरकार की मंशा के अनुरूप चुनावी समर में उतरने की तैयारी में हैं। जोशी अमित शाह के करीबी हैं। लिहाजा, उन्हें मोदी-शाह की पसंद का बखूबी ध्यान है।
जोशी लगातार दूसरी बार सांसद बने हैं। सदन में मुखर सांसद की छवि है। भाजयुमो के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं। इस नाते राज्य भर में युवाओं की समर्पित टीम उनके साथ है। हां, चुनौती है तो वरिष्ठ नेताओं के बीच सामंजस्य कायम रख पाने की। वे इसमें कितना सफल हो पाते हैं, यह तो वक्त बताएगा। लेकिन इतना तय है कि पदभार ग्रहण समारोह के बहाने बीजेपी की रणनीति साफ हो गई है। देखना यह है कि गहलोत सरकार बीजेपी की इस रणनीति का किस तरह सामना कर पाएगी।