भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
चुनाव है। आचार संहिता लागू है। निर्वाचन आयोग की पैनी नजर है। जनसभाओं और सोशल मीडिया पर ‘बेधड़क’ बदजुबानी करने वालों की खैर नहीं। अलवर सांसद और तिजारा से भाजपा प्रत्याशी योगी बालकनाथ अपने बयान के कारण आयोग के शिकंसे में फंस गए। आयोग ने उन्हें नोटिस थमा कर दो दिन में जवाब तलब किया है। दरअसल, योगी बालकनाथ ने एक सभा में कहा कि चुनाव में जमकर वोट करना है। अगर गांव में 1440 वोट हैं तो 1450 वोट करने पड़ेंगे। बाद में चुनाव आयोग पता करता रहे कि इतने वोट कहां से आ गए ?
बाबा बालकनाथ के इस बयान की शिकायत की गई। इसे बूथ कैप्चरिंग से जोड़कर पेश किया गया। आयोग ने बाबा बालकनाथ को नोटिस देकर दो दिन में जवाब पेश करने के लिए कहा है। उधर, सांसद बालकनाथ ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहाकि ईवीएम से वोटिंग होती है, उसमें बूथ कैप्चरिंग जैसी बातें बेमानी है। मेरा मकसद सिर्फ इतना था कि लोग मतदान के दिन घर न बैठें बल्कि उत्साह के साथ मतदान करें। मेरे बयान को कौन किस तरह देखता है, यह तो सामने वाले पर निर्भर है।
बाबा बालकनाथ के इस बयान की शिकायत की गई। इसे बूथ कैप्चरिंग से जोड़कर पेश किया गया। आयोग ने बाबा बालकनाथ को नोटिस देकर दो दिन में जवाब पेश करने के लिए कहा है। उधर, सांसद बालकनाथ ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहाकि ईवीएम से वोटिंग होती है, उसमें बूथ कैप्चरिंग जैसी बातें बेमानी है। मेरा मकसद सिर्फ इतना था कि लोग मतदान के दिन घर न बैठें बल्कि उत्साह के साथ मतदान करें। मेरे बयान को कौन किस तरह देखता है, यह तो सामने वाले पर निर्भर है।