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हनुमानगढ़ जिले की पीलीबंगा विधानसभा सीट से बीजेपी की विधायक रहीं द्रोपदी मेघवाल ने 14 अक्टूबर को बड़ा एलान कर दिया। उन्होंने एक पैलेस में कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुलाई और दो टूक कहाकि अब पार्टी का जो भी फैसला हो लेकिन उन्होंने अपना फैसला कर लिया है। द्रोपदी ने साफ शब्दों में कहाकि बीजेपी टिकट दे तो ठीक न दे तो ठीक। वे तो चुनाव लड़ेंगी। बाकी जनता जनार्दन तय करें। पूर्व विधायक द्रोपदी मेघवाल ने बीजेपी नेताओं के प्रति नाराजगी भी जताई। बोलीं-‘पार्टी में कोई किसी की सुनने के लिए तैयार नहीं है। पता नहीं ऐसा क्या हो गया। पहले भी चुनाव होते थे, बड़े नेता सबकी सुनते थे लेकिन अब तो सारे समीकरण ही बदल गए। सुनना भी पसंद नहीं किसी को।’ पूर्व विधायक द्रोपदी मेघवाल ने यह भी कहा कि 2018 में चुनाव नहीं लड़ना उनकी गलती थी और वह अब अपनी इस गलती को सुधारना चाहती हैं।
द्रोपदी मेघवाल के बगावत के साथ ही टिकट के दौड़ से उनका बाहर होना भी तय हो गया। माना जा रहा है कि अब टिकट के प्रमुख दावेदारों में मौजूदा विधायक धर्मेंद्र मोची और बीजेपी एससी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल रह गए हैं। पार्टी संभवः इन्हीं दो नेताओं पर किसी पर दांव चलेगी।
द्रोपदी मेघवाल के बगावत के साथ ही टिकट के दौड़ से उनका बाहर होना भी तय हो गया। माना जा रहा है कि अब टिकट के प्रमुख दावेदारों में मौजूदा विधायक धर्मेंद्र मोची और बीजेपी एससी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल रह गए हैं। पार्टी संभवः इन्हीं दो नेताओं पर किसी पर दांव चलेगी।