पीएमश्री योजना में शामिल हुआ केंद्रीय विद्यालय हनुमानगढ़

भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.
शिक्षा मंत्रालय, कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय के सहयोग से शिक्षा नीति 2020 की तीसरी वर्षगांठ पर 29 और 30 जुलाई को अखिल भारतीय शिक्षा समागम का नई दिल्ली में होगा। केंद्रीय विद्यालय हनुमानगढ़ में पत्रकार वार्ता में केवी के प्राचार्य आरसी देहडू, नवोदय विद्यालय पल्लू के प्राचार्य संजीव झाझड़िया व डाइट प्रतिनिधि सुभाष चंद्रा ने शिक्षा नीति को लेकर विस्तार से जानकारी दी। प्राचार्य आरसी देहड़ू ने बताया कि हनुमानगढ़ का चयन पीएमश्री योजना में हुआ है जिससे शिक्षा से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों को मजबूत और प्रभावी बनाने में सहायता होगी। एनसीईआरटी नें विद्याप्रवेश नाम से तीन महीनों का एक खेल आधारित स्कूल प्रिपरेशन मॉडयूल भी तैयार किया है जो बच्चों की समझ विकसित करने और आधार मजबूत करने में सहायक होगा। विद्यालय के सभी प्राथमिक शिक्षक इससे सम्बंधित प्रशिक्षण ले चुके हैं और उन्होंने अधिगम को आकर्षक और स्थायी बनाने के उद्देश्य से विद्यालय स्तर पर क्रियाकलाप आधारित जादुई पिटारा विकसित किया है? जो कि शिक्षा नीति की भावना और बदलाव का एक महत्वपूर्ण आयाम है।

कौशल विकास नयी शिक्षा नीति का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य  है, केंद्रीय विद्यालय हनुमानगढ़ में कौशल विकास हेतु कक्षा 9 से12 तक के विद्यार्थियों को एआई        ( आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अर्थात कृत्रिम बुद्धिमत्ता) की शिक्षा दी जा रही है जिससे वे तकनीकी रूप से शिक्षित हो राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे सके। राष्ट्र सर्व प्रथम इसी विचार की स्थापना और संवर्धन हेतु एनसीसी और स्काउट गा ड इकाई के वि हनुमानगढ़ में कार्य कर रही है। विद्यार्थियों के प्रदर्शन में सुधार और उनके उत्थान हेतु शिक्षक अभिभावक बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाती है।              केंद्रीय विद्यालय संगठन अपने शिक्षकों, कर्मचारियों तथा अधिकारियों को समय-समय पर प्रशिक्षण उपलब्ध करवाता है, जिसके माध्यम से वे अपने क्षेत्र में पारंगत होकर व नवाचारों को अपनाते हुए केंद्रीय विद्यालय संगठन को स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाते हैं। विद्यालय से समाज तथा स्वयंसेवकों को सीधे जोड़ने वाला स्वयंसेवी प्रबंधन विद्यांजलि पोर्टल के माध्यम से विद्यालय ,विद्यार्थियों को कौशल तथा ज्ञान से जुडी विभिन्न प्रकार की  अध्ययन सामग्री, साधन तथा उपकरण उपलब्ध करवाता है।
सभी 1253 केंद्रीय विद्यालय पोर्टल पर पंजीकृत है।
केंद्रीय विद्यालय विद्यार्थियों को अच्छा स्कूली वातावरण ,आधारभूत सरंचना , गुणवतापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाता है और विद्यार्थियों के सर्वंगीण विकास हेतु प्रयत्न करता है जिससे विद्यार्थी और ज्यादा प्रभावी ढंग से अधिगम कर पाते हैं।
भाषा प्रयोगशाला, खेल को पाठ्यक्रम हिस्सा बनाना, पाठ्य सहगामी गतिविधियों का प्रभावी  आयोजन, डिजिटल और तकनीक आधारित शिक्षण आदि अपनाकर केन्द्रीय विद्यालय हनुमानगढ़ नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सच्चे स्वरुप में लागू करने हेतु प्रतिबद्ध है।
नवोदय विद्यालय पल्लू के प्राचार्य संजीव झाझड़िया व डाइट प्रतिनिधि सुभाष चंद्रा ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की परिकल्पना और लक्ष्य भारत को 21 वीं शताब्दी की आवश्यकताओं को पूरा करती विस्तृत, लचीली तथा बहु-आयामी शिक्षा व्यवस्था द्वारा जीवंत ज्ञान समाज में रूपांतरित करते हुए वैश्विक ज्ञानशक्ति के रूप में स्थापित करना है। साथ ही समालोचनात्मक सोच और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के माध्यम से हर विद्यार्थी की अद्वितीय क्षमताओं को उजागर करते हुए, स्थानीय और वैश्विक समायोजन से आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना इस शिक्षा नीति का वृहद उद्देश्य है।
देहड़ू के मुताबिक, केंद्र सरकार द्वारा दूसरे केंद्रीय वेतन आयोग की सिफ़ारिशों के आधार पर केन्द्रीय विद्यालयों (सेंट्रल स्कूल) की योजना का अनुमोदन नवंबर 1962 में किया गया। केंद्रीय सरकार के स्थानांतरणीय कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा को व्यवधान मुक्त बनाने हेतु भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की एक यूनिट के रूप में सेंट्रल स्कूल ऑर्गेनाइजेशन की शुरूआत की गई। वर्ष दर वर्ष केन्द्रीय विद्यालयों की संख्या में वृद्धि हो रही है और वर्तमान में विदेश में स्थित 3 विद्यालयों सहित कुल 1253 केन्द्रीय विद्यालय है।
केंद्रीय विद्यालय हनुमानगढ़ के प्राचार्य आरसी देहड़ू ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मूल भावना के अनुसार केन्द्रीय विद्यालयों में प्रवेश हेतु आयु सीमा को पुनःपरिभाषित किया गया है। तीन प्लस, चार प्लस और पांच प्लस आयु आयु वर्ग हेतु नीति के अनुसार बाल वाटिका कक्षाओं की शुरुआत की गई है। पठन, अधिगम और संख्यात्मक दक्षता सुनिश्चित करने हेतु पहल को धरातलीय स्वरुप दिया जा रहा है। वर्तमान सत्र से देशभर के 500 केंद्रीय विद्यालयों में बालवाटिका शुरू कर दी गई है। जिसमें से केंद्रीय विद्यालय हनुमानगढ़ में जयपुर संभाग में सबसे पहले बालवाटिका 1 से बालवाटिका 3 कक्षाओं की शुरुआत कर दी गई थी और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये गए हैं। 

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